अमरीका के शिकागो में आयोजित दूसरे विश्व हिन्दू सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा विभिन्न पुस्तकों और प्राचीन ग्रन्थों के डिजिटीकरण करने से युवा पीढ़ी का संपर्क उनसे बढ़ेगा
अमेरिका के शिकागो में चल रही विश्व हिन्दू कांग्रेस में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि विभिन्न पुस्तकों और प्राचीन ग्रन्थों के डिजिटीकरण से युवा पीढ़ी से उनका संपर्क बढ़ेगा और यह आने वाली पीढ़ियों के लिए महान सेवा होगी। अपने संदेश में पीएम मोदी ने हिन्दू दर्शन से अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हिन्दू दर्शन के विभिन्न पक्ष आज विश्व के समक्ष मौजूद अनेक समस्याओं के समाधान में मदद कर सकते हैं।
अपने संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा कि हिन्दू धर्म मानव जाति के इतिहास की प्राचीनतम आस्थाओं में एक है। भारतीय मूल के अमरीकी भरत बराई ने शिकागो में शुक्रवार को शुरु हुए विश्व हिन्दू सम्मेलन में प्रधानमंत्री का संदेश पढ़ा। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में 60 से अधिक देशों के ढाई हजार प्रतिनिधियों और हिन्दू नेताओं ने भाग लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आशा व्यक्त की है कि सम्मेलन में इस बात पर विचार होगा कि भारत भावी पीढ़ियों के बेहतर भविष्य के लिए अपने प्राचीन ज्ञान तथा बौद्धिक और सांस्कृतिक संपदा के आधार पर विश्व से कितने बेहतर ढंग से जु़ड़ सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व हिन्दू सम्मेलन का विचारकों, विद्वानों, बुद्धिजीवियों और अन्य प्रतिभागियों को एक मंच पर लाना सराहनीय है।
पीएम ने कहा कि सम्मेलन शिकागो में आयोजित होने पर उन्हें प्रसन्नता है, क्योंकि यह हर भारतीय को 125 वर्ष पहले सितम्बर, 1893 में विश्व धर्म संसद को स्वामी विवेकानन्द के गौरवशाली संबोधन की याद दिलाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया के हर कोने में बसा भारतीय समुदाय विश्व के बेहतर भविष्य में योगदान के लिए स्वामी विवेकानन्द के संदेशो का वाहक बन सकता है।