हरियाली प्रकृति की अनुपम देन हैं वृक्ष धरा का श्रंगार है जीवन के लिए अति आवश्यक तत्व है पर्यावरण की शुद्धता आक्सीजन की उपलब्धता के कारक है इस वैश्विक महामारी रूपी कोरोना को जड़ से मिटाने के लिए हमारे जीवन जीने का संचार व पर्यावरण की शुद्धता का कारक पेड़ पौधे है । फिर क्यो ने हम सभी ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगाए और भारत वर्ष की समस्त धरा को हराभरा बनाएं ।यह बात पर्वतराज हिमालय व जीवनदायिनी गंगा के अविरल धारा का प्रतीक देवभूमि उत्तराखंड का ही नही समस्त भारतवर्ष का प्रकृति , पर्यावरण , जलवायु व खुशहाली का प्रतीक हरियाली महापर्व “हरेला अर्थात मातृभूमि पूजन रोपण व वृक्षारोपण व हरेला पर्यावरण संस्कृतिक कार्यक्रम” पर यमुना विहार स्थित सहायक आयुक्त पुलिस कार्यालय ऑपरेशन सेल उत्तर पूर्वी जिला ली डायमंड हॉल एमटीएनएल ग्राउंड पर वृक्षारोपण करते हुए उत्तर पूर्वी जिला पुलिस के जांबाज , कर्तव्यनिष्ठ पुलिस उपायुक्त श्री संजय कुमार सैन ने कही । कोरोना काल का पूर्णतय नियमो का पालन करते हुए हरियाली रूपी हरेला महोत्सव वृक्षारोपण कार्यक्रम व सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हरेला अभियान समिति दिल्ली प्रांत द्वारा किया गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता हरेला अभियान समिति प्रमुख ताराचंद उपाध्याय ने की ।
इस अवसर पर वृक्षारोपण करते हुए पुलिस उपायुक्त संजय सैन जी ने कहां कि जुलाई में भारतवर्ष के सभी प्रांतो में हरेला या यूँ कहें प्रकृति पर्व मनाया जायेगा , हरियाली प्रकृति की अनुपम देन है । वृक्ष धरा का श्रृंगार हॆ जीवन के लिये अति आवश्यक तत्व हें पर्यावरण की शुद्धता ऑक्सीजन की उपलब्धता के कारक है । हिंदुस्तान को समृद्ध व खुशहाल तथा स्वरोजगार को बढ़ाने हेतु तथा प्रत्येक मानव जाति के जीवन को स्वस्थ व सवलम्ब बनाने के लिए ऑक्सीजन कारक जीवन संचार अर्थात पेड़ , पौधे लगाए देश व विश्व को पर्यावरण प्रदूषण मुक्त बनाएँ , हम सबके लिए नासूर बन चुकी कोरोना रूपी वैश्विक महामारी को जड़ से मिटाने के लिए हम प्रत्येक दिन एक पौधा व वर्षा ऋतु में कम से कम पांच पेड़ पौधे जरूर लगाएं। पर्यावरण स्वस्थ होगा तो लोग भी स्वस्थ होंगे वायुमंडल को स्वस्थ और स्वच्छ करने के लिये एक मात्र विकल्प हें ” वृक्ष ” जोकि वायु मंडल को फ़िल्टर करने का काम बखूबी करते है । आओ सब मिलकर एक नई ऊर्जा और सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़े और लोगो में जागरूकता बढ़ाये। सब अपने अपने स्तर पर वृक्षारोपण करें और इस धरा को हर भरा बनाये।
जिम्मेदार बने जिम्मेदारी निभायें वृक्ष अवश्य लगायें आइए हरेले के इस पावन अवसर पर हरित क्रांति के संदेश को जन जन तक पहुंचाएं और देेश को खुशहाल और उपजाऊ भूमि बनाएं । बूँद बूँद से सागर भरता हॆ , हमारे सामूहिक प्रयास यह आसानी से सम्भव हॆ । श्री संजय सैन ने कहा कि उत्तराखंड के लोगो की गाथा सम्पूर्ण समाज ईमानदारी व मेहनती कार्य के जाना जाता है उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग में हमारे उत्तराखंड के कई कर्तव्यनिष्ठ , जाँबाज पुलिस अधिकारी है उत्तर पुर्वी जिले पुलिस में भी हमारे एसीपी हरीश कुकरेती , नरेश खनका ,एस एच ओ प्रमोद जोशी जैसे होनहार पुलिस अधिकारी जो इस जिले की अपनी ईमानदारी व मेहनती कार्य से शान बढ़ा रहे है
इस अवसर पर खजूरी डिवीजन के एसीपी हरीश चंद्र कुकरेती ने कहा कि वॄक्ष देश की समृद्धि और उन्नति का प्रतीक है। पेड़ ऑक्सीजन देने के साथ साथ वायुमंडल से कार्बन डॉय ऑक्साइड का भी अवशोषण करते है जोकि मुख्य हरित गैस है और वैश्विक तपन और जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार। पेड़ वायुमंडल से विभीन्न प्रकार के प्रदूषकों जैसे धूल मिट्टी के कण, जहरीली गैस आदि का भी अवशोषण करते है। फलदार वॄक्ष ग्रामीण इलाकों में आय का अच्छा स्रोत है और अर्थव्यवस्था को सुदृढ करते है। पेड़ो की कमी से पर्यावरण से संबंद्धित अनेको समस्याए उत्पन्न हुई है और पेड़ लगाने से ही इन समस्यायों को स्थायी निराकरण किया जा सकता है। अगर हम आने वाली पीढ़ियों का सुरक्षित भविष्य चाहते है तो सबको एक साथ कदम से कदम मिलाकर पर्यावरण संरक्षण के लिए काम कर पृथ्वी को विनाश से बचना होगा।
इस अवसर पर भाजपा दिल्ली प्रदेश के उपाध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवाकहा कि विश्व का राष्ट्रवादी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व उनके अनुषांगिक संगठन भी समस्त भारतवर्ष सहित विश्व को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए इस अभियान में निरन्तर लगे हैं । इस अवसर पर प्रदेश महामंत्री हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि हमारे देश की आबादी लगभग 125 करोड़ से अधिक हॆ यदि आधी आबादी भी वृक्षारोपण करे तो भी कम से कम साठ करोड़ वृक्ष लगेंगे जो की विश्वभर के पर्यावरण के लिये महत्वपूर्ण होगा , और इतना भी न हो सके एक चौथाई आबादी वॄक्ष लगाये तो कम से कम तीस करोड़ वृक्ष लगेंगे तीस करोड वृक्ष देश की दिशा और दशा बदल देंगे ।
कार्यक्रम के आयोजक हरेला अभियान समिति के प्रमुख ताराचंद उपाध्याय ने कहा कि पर्यावरण प्रकृति का यह महापर्व संघ के प्रान्त प्रचारक व हरेला के जननायक व पर्यावरणविद डॉक्टर हरीश जी रौतेला के अथक प्रयासों से आज जनआंदोलन का रूप ले चुका है । हरेला उत्तराखंड का एक प्रमुख सांस्कृतिक त्योहार होने के साथ साथ समस्त संसार की परंपरागत कृषि से जुड़ा सामाजिक और कृषि वैज्ञानिक महोत्सव भी है। उत्तम खेती, हरियाली, धनधान्य, सुख -संपन्नता आदि से इस त्यौहार का घनिष्ठ सम्बंध रहा है। माना जाता है कि जिस घर में हरेले के पौधे जितने बड़े होते हैं, उसके खेतों में उस वर्ष उतनी ही अच्छी फसल होती है। हरेला उगाने के लिए पांच अथवा सात अनाज गेहूं, जौ, मक्का, सरसों, गौहत, कौंड़ी, धान और भट्ट आदि के बीज घर के भीतर छोटी टोकरियों अथवा लकड़ी के बक्सों में बोये जाते हैं, और प्रतिदिन नियमानुसार सुबह-शाम पूजा के बाद पानी दिया जाता है।
धूप की रोशनी न मिलने के कारण ये अनाज के पौधे पीले हो जाते हैं।10वें दिन संक्रान्ति को हरेला काटा जाता है। उन्होंने कहा कि हरेला महोत्सव मात्र एक संक्राति नहीं बल्कि कृषि तथा वानिकी को प्रोत्साहित करने वाली हरित क्रान्ति का निरन्तर रूप से चलने वाला वार्षिक अभियान भी है जिस पर हमारी जीवनचर्या टिकी हुई है तथा समस्त भारतवर्ष की हरियाली और खुशहाली भी।इसलिए हरित क्रान्ति के इस अभियान पर विराम नहीं लगना चाहिए। हरेले का मातृ-प्रसाद हमें साल में एक बार संक्राति के दिन मिलता है। किसी जमाने में हरेला पर्व से ही आगामी साल भर के कृषि कार्यों का शुभारम्भ धरती पर हुआ करता था। सावन-भादो के पूरे दो महीने हमें प्रकृति माता ने इसलिए दिए हैं ताकि बंजर भूमि को भी उपजाऊ बना सकें, उसे शाक-सब्जी उगा कर हरा भरा रख सकें। धान की रोपाई और गोड़ाई के द्वारा इन बरसात के महीनों का सदुपयोग किया सकता है।
समस्त भारतभूमि आज जल संकट की विभीषिका को झेल रहा है उसका कारण यह है कि परंपरागत खाल,तालाब आदि जलभंडारण के स्रोत सूख गए हैं उन्हें भी इन्हीं बरसात के मौसम में पुनर्जीवित किया जा सकता है । इस अवसर पर हरेला अभियान समिति दिल्ली प्रांत द्वारा उत्तराखंड के जय रघुनन्दन कला मँच के निर्देशक दिनेश कांडपाल द्वारा उनकी उत्तराखंड के लोकगीतो पर आधारित सुप्रसिद्ध लोकगायक हेमा ध्यानी , बिशन हरियाला ने एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का कार्यक्रम आयोजन किया गया कोरोना नियमो का पालन करते हुए थोड़ी संख्या में आए लोग इस भव्य आयोजन को देखकर मंत्रमुग्ध हो गए । इस अवसर पर भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष के राजनीतिक सचिव अनिल गुप्ता , एसीपी हरीश चंद्र कुकरेती , नरेश खनका , वेंकटेश , स्वर्णकार महासभा के अध्यक्ष गिरीश सोनी , शरीफ आलम अलवी , यतेन्द्र शर्मा , योगेश किक्की , विधायक अजय महावर , निगम जोन चैयरमैन प्रवेश शर्मा , सुरेंद्र बिष्ट , चन्द्रकान्ता पांडेय सहित सेकड़ो उत्तराखंड वासी उपस्थित थे इस वैश्विक महामारी रूपी कोरोना को जड़ से मिटाने के लिए हमारे जीवन जीने का संचार व पर्यावरण की शुद्धता का कारक पेड़ पौधे है । फिर क्यो ने हम सभी ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगाए प्रकृति महापर्व हरेला बनाएं और भारत वर्ष की समस्त धरा को हराभरा व सुंदर बनाएं / संजय कुमार सैन ( पुलिस उपायुक्त उत्तर पूर्वी जिला )