कांग्रेस अध्यक्ष आज फिर कुछ नए आरोपों में घिरते नज़र आएं, भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अज्ञात स्त्रोत से धनराशि हासिल की है जिसका उन्हें हिसाब देना चाहिए। क्योंकि कई साक्ष्य बताते हैं कि किंगफिशर और गांधी परिवार के बीच कोई तो डील हुई है। जिसके कारण कांग्रेस पार्टी विजय माल्या को सपोर्ट कर रही है।
बैंकों का कर्ज लेकर लंदन भागे शराब कारोबारी विजय माल्या के मसले पर सियासत गरमायी हुई है। माल्या के बयान के बाद कांग्रेस ने इस पर सवाल उठाए तो बीजेपी ने गुरुवार को कांग्रेस पर करारा पलटवार किया। पार्टी ने आरोप लगाया कि यूपीए सरकार ने कर्ज में डूबी किंगफिशर एयरलाइन्स को बनाये रखने के लिये नियमों को ताक पर रखकर उसे राहत दी। वरिष्ठ बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल ने एक वीडियो जारी किया जिसमें मनमोहन सिंह को ये कहते हुए सुना जा सकता है कि किंगफिशर को आर्थिक तंगी से निकालने के लिए मदद की जरुरत है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता, पूर्व प्रधानमंत्री और यूपीए सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री इस गडबडी में शामिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब मोदी सरकार इसके खिलाफ कदम उठा रही है तो कांग्रेस झूठे आरोप लगा रही है।
पार्टी ने मांग की है कि राहुल गांधी साफ करें कि उनके और विजय माल्या के बीच क्या रिश्तें हैं और क्या तमाम नियमों को धता बताकर बार बार उसकी कंपनी को कर्ज दिया गया।
बीजेपी का कहना है कि किंगफिशर एयरलाइन ओर उसके प्रायोजक विजय माल्या के मामले में पूरे गांधी परिवार ने एयरलाइन से यात्रा की और उनकी यात्रा को मुफ्त में बिजनेस क्लास में प्रमोट किया गया। इससे पहले पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक हवाला कारोबारी के कथित इकबालिया बयान को पेश करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक फर्जी कंपनी डोटेक्स से 1 करोड़ का लोन लिया था। कंपनी डोटेक्स के प्रमोटर ने बाद में माना भी कि उसकी कई शेल कंपनिया हैं।
इस बीच विजय माल्या के वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिलने के दावे को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने वित्त मंत्री अरुण जेटली के इस्तीफे की मांग दोहराते हुए कहा कि उनको माल्या के लंदन जाने की जानकारी थी लेकिन फिर भी उन्होंने सीबीआई, ईडी या पुलिस को क्यों सूचित नहीं किया ?”हालांकि सरकार का कहना है कि कांग्रेस हताशा में अनर्गल प्रलाप कर रही है।
इससे पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी माल्या के इस बयान को बुधवार को खारिज किया कि 2016 में भारत छोड़ कर लंदन जाने से पहले उसने वित्त मंत्री से मुलाकात की थी। जेटली ने कहा था कि उन्होंने कि 2014 के बाद माल्या को कभी मिलने का समय नहीं दिया लेकिन माल्या ने राज्यसभा सदस्य के रूप में अपने विशेषाधिकार का गलत इस्तेमाल करते हुए संसद भवन के गलियारे में उन्हें रोककर बात करने की कोशिश की थी।