क्रिश्चन मिशेल के प्रत्यर्पण के बाद सोमवार को भारत सरकार और भारतीय जांच एजेंसियों को एक और बड़ी कामयाबी मिली, जब लंदन की एक अदालत ने विजय माल्या को पकड़ कर भारत लाने का रास्ता साफ कर दिया. विजय माल्या भारतीय बैंकों के नौ हजार करोड़ रुपये लेकर भागा हुआ है. विजय माल्या का भारत से भागना एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बना हुआ है. इसलिए ब्रिटेन की अदालत का आज का फैसला मोदी सरकार की एक बड़ी कामयाबी माना जा रहा है.
देश के कई बड़े बैंकों से लिए गए 9,000 करोड़ रुपये के कर्ज को न चुका पाने के बाद विदेश भाग गए शराब कारोबारी विजय माल्या को भारत लाए जाने का रास्ता साफ हो गया है. लंदन की कोर्ट ने विजय माल्या के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है. सोमवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने माल्या के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दी. लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा, “मेरा मानना है कि सेक्शन-78 के भाग-2 की प्रक्रियागत आवश्यकताएं पूरी हो चुकी हैं. दस्तावेजों में आग्रह-पत्र, गृहमंत्री द्वारा जारी सर्टिफिकेट, प्रत्यर्पित किए जाने वाले व्यक्ति की जानकारी, आरोपों का ब्योरा और कोर्ट द्वारा जारी डॉ माल्या की गिरफ्तारी का वारंट शामिल है. इस निर्णय के परिप्रेक्ष्य में मैं डॉ माल्या के प्रत्यर्पण पर निर्णय के लिए मामले को गृहमंत्री को भेजती हूं.”
गौरतलब है कि अदालत को यह फैसला सुनाना था कि क्या माल्या का भारत प्रत्यर्पण किया जाना चाहिए या नहीं. फैसला आने के बाद मामले को ब्रिटेन के गृह विभाग के पास भेज दिया गया है और अब देश के गृहमंत्री को इस पर फैसला लेना है. हालांकि माल्या 14 दिन के भीतर इस फैसले को ब्रिटिश उच्च न्यायालय में चुनौती भी दे सकता है. सीबीआई ने अदालत के फैसले का स्वागत किया है.
सीबीआई प्रवक्ता ने कहा, “हम फैसले का स्वागत करते हैं और उम्मीद करते हैं जल्द ही विजय माल्या को भारत ले आएंगे. सीबीआई की अपनी ताकत है. हमने इस मामले में काफी मेहनत की. सीबीआई हमेशा ही तथ्यों पर मजबूत रही है और प्रत्यर्पण की प्रक्रिया के दौरान ही हम कानूनी तौर पर पूरी तरह से आश्वस्त थे.”
केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने विजय माल्या के प्रत्यर्पण की मंजूरी मिलने पर खुशी जाहिर की है. सूचना एवं प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ ने भी अदालत के फैसले पर खुशी जताई है. उन्होंने लिखा, “विजय माल्या के भारत प्रत्यर्पण से जुड़ा ब्रिटिश अदालत का फैसला यूपीए के घोटालों के खिलाफ हमारी जंग में बड़ी जीत है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अगुवाई में सरकार के अथक और लगातार प्रयासों से भारत को ये जीत मिली है. जो कहा, वो किया.”
बीजेपी ने फैसले का स्वागत करते हुए उम्मीद जताई है कि जल्द ही वो भारत लाया जा सकेगा.
गौरतलब है कि किंगफिशर एयरलाइंस के घाटे में जाने के बाद माल्या ने बैंकों से करीब 7,500 करोड़ का लोन लिया था, जिसे वो नहीं चुका पाया. बाद में ये कर्ज 9,000 करोड़ रुपये को पार कर गया. बाद में माल्या विदेश भाग गया. इसके बाद देश में माल्या के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू हुई. भारत सरकार ने विजय माल्या का पासपोर्ट भी रद्द कर दिया और कोर्ट से उसे भगोड़ा भी घोषित किया जा चुका है. देश की कई अदालतों में धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग के मामले में उसके खिलाफ केस चल रहे हैं और उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया जा चुका है. वह मार्च, 2016 से लंदन में है. भारत सरकार लगातार उसके प्रत्यर्पण की कोशिश कर रही है. पिछले साल अप्रैल में प्रत्यर्पण वॉरंट पर गिरफ्तारी के बाद से माल्या जमानत पर हैं. भारतीय जांच एजेंसियां माल्या को प्रत्यर्पित करा स्वदेश वापस लाने की कोशिश कर रही है.