चंडीगढ़ , 11 नवम्बर : उत्तरांचल उत्थान परिषद , चंडीगढ़ एवं उसके पास रहने वाले प्रवासी उत्तराखंड निवासियों की एक प्रवासी पंचायत आगामी 13 नवंबर को करवा रहा हे , इस चर्चा मे उतराखंड एवं देहली से प्रबुध व्यक्ति, चंडीगढ़ मे उतराखंड से संबद्ध रखने वाले बुद्धिजीवी वर्ग के साथ उत्तराखंड के विकास एवं पलायन की समस्या पर मंथन करेंगे ।
प्रवासी पंचायत के संचालक लक्ष्मी कान्ततिवारी ने बताया की इस कार्यक्रम मे जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वरश्रम जी अपना आशीर्वाद देंगे एवं श्री अनिल वीज जी मुख्य अतिथि होंगे जो की हरियाणा सरकार मे खेल एवं स्वास्थ मंत्री हैं एवं प्रोफ़ेसर टंकेश्वर वाइस चांसलर गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय हिसार मुख्य अतिथि होंगे । उत्तरांचल उत्थान परिषद पिछले कुछ समय से गढ़वाली कुमाऊनी और जौनसारी भाषाओं को आठवीं अनुसूची में शामिल करवाने के लिए प्रयास रत हैं और उत्तराखंड की सरकारी सेवाओं के लिए मूल निवास व्यवस्था के हक मे हैं , उत्थान परिषद उत्तराखंड में चकबंदी लागू करवाने के प्रयास कर रहा हे । ऊंचे एवं मध्य हिमालय क्षेत्र में शिक्षा के प्रतिष्ठित केंद्र स्थापित करने के लिए सरकार से बात कर रहा हे ।
संचालक लक्ष्मी कान्त तिवारी प्रवासी उत्तराखंड वासियों से आग्रह किया कि वहजहां भी हो वहां अपनी सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय रहे हैं एवं अपने अपने ग्रामों के विकास मे क्या सहयोग दे सकते हैं वह अवश्य सोंचे । उन्होने प्रवासी उत्तराखंड वासियों को सुझाव दिया की हमे हर वर्ष ग्राम उत्सव मनाने चाहिए, हम यह उत्सव ग्राम देवता के मंदिर में आयोजित कर सकते हैं उत्तरांचल उत्थान परिषद ने प्रवासी लोगो को गाँव की और लाने के लिए “चलो गांव की ओर एवं मेरा गांव मेरा तीर्थ ” अभियान भी चलाया हुआ हे ।
प्रवासी पंचायत, उत्तराखंड सरकार से उत्तराखंड में पृथक प्रवासी मंत्रालय का गठन कि मांग करता हे, जो प्रवासी मंत्रालय प्रतिवर्ष राज्य स्थापना दिवस पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर की उत्तराखंड प्रवासी महापंचायत का आयोजन करेंगा एवं ग्राम ग्राम में ग्राम उत्सव का आयोजन करने की श्रृंखला प्रारंभ करेंगा। सरकार को प्रवासीउत्तराखंडियों को विकास से जोड़ने के लिए उच्च हिमालय ग्राम के विकास के हेतु एक विकास प्राधिकरण की स्थापना की जानी चाहिए जो उच्च एवं मध्य हिमालय ग्रामों के विकास की अलग सीयोजना बनाएं वहां की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार नीतियां बनाएं उच्च एवं मध्य हिमालय में विधानसभा सीटों का निर्धारण का आधार क्षेत्रफल होना चाहिए, जनसंख्या नहीं क्योंकि उस क्षेत्र से विकास के अभाव में बहुत बड़ीआबादी पलायन कर चुकी है ।
इस गोष्ठी मे उत्तराखंड की कुछ आँय महत्वपूरण समस्याओं का भी गहन आध्यान किया जाएगा जिनका समाधान होना बहुत आवश्यक है । उत्तरांचल उत्थान परिषद का मानना हे, कि उच्च एवं मध्य हिमालय के ग्रामों के पलायन कोराष्ट्रीय आपदा मानकर इस समस्या का समाधान किया जाना चाहिए । उत्तराखंड में ऐसे उद्योग स्थापित किए जाएं जहांपर्यावरण के अनुकूल कार्य किया जा सके इसके लिए इलेक्ट्रोनिक सामान कानिर्माण और यहां की परिस्थितियों के सर्वाधिक अनुकूल रहेगा इसी प्रकार केउद्योग यहां पर स्थापित किए जाने चाहिए ।
देवभूमि उत्तराखंड संपूर्ण देश को 7%ऑक्सीजन देने वाला 50% जल्द पिलाने वाला आध्यात्मिक दृष्टि से मनुष्य जीवन को दिशा देने वाला तथा 25% जवानों के साथ देश की सुरक्षा करने वाला उत्तराखंड प्रदेश आज बेरोजगारो से भरा हुआ हे । कुमाँऊ सभा के प्रधान के प्रतिनिधि शशि पांडे एवं गढ़वाल सभा के प्रधान प्रतिनिधि ने उत्तरांचल उत्थान परिषद केप्रवासी पंचायत करने के निर्णय को एक सकारात्मक दिशा कि और एक नया कदम बताया हे और उम्मीद भी जताई हे कि ऐसे कार्यक्रमों से प्रवासी उत्तराखंडनिवासियों को गाँव मे जाने कि प्रेरणा मिलेगी ।