केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा है कि स्वच्छता भूजल, सतही जल, मिट्टी या वायु सहित पर्यावरण के सभी पहलुओं और साथ ही साथ ओडीएफ क्षेत्रों में रहने वाले समुदायों के स्वास्थ्य और कल्याण को प्रभावित करती है। भूजल के दूषित में कमी लाने के लिए स्वच्छ भारत मिशन की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा, डब्ल्यूएचओ के 2018 के अध्ययन में अनुमान व्यक्त किया गया था कि भारत के खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) हो जाने पर स्वच्छ भारत मिशन 3 लाख से अधिक जिंदगियां बचा पाने में समर्थ होगा। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के बारे में किए गए दो स्वतंत्र तृतीय-पक्ष अध्ययनों को जारी करते हुए श्री शेखावत ने कहा, मिशन आने वाले लंबे समय तक लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालता रहेगा।
यूनिसेफ और बिल एंड मेलिंडा गेट्स द्वारा कराए गए इन अध्ययनों का उद्देश्य क्रमशः स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के पर्यावरणीय प्रभाव और उनकी कम्युनिकेशन छाप का मूल्यांकन करना था। दोनों अध्ययनों की पूरी रिपोर्ट और साथ ही दोनों अध्ययनों की संक्षिप्त रिपोर्ट mdws.gov.in और sbm.gov.in से डाउनलोड की जा सकती है।
केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने विश्व पर्यावरण दिवस पर इन अध्ययनों को जारी करने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र, इस बात से अवगत है कि मानव पर्यावरण का संरक्षण और सुधार एक प्रमुख मुद्दा है जो पूरे विश्व में लोगों के कल्याण और आर्थिक विकास को प्रभावित करता है इसलिए 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में नामित किया गया है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण भारत के पर्यावरण पर स्वच्छ भारत मिशन के सकारात्मक प्रभाव पर अपने निष्कर्षों को जारी करने के लिए यूनिसेफ ने इसी दिन को चुना है।
सचिव, भारत सरकार, श्री परमेस्वरन अय्यर ने कहा कि देश में ग्रामीण स्वच्छता कवरेज 99% का आंकड़ा पार कर चुकी है और यह मिशन अपने अंतिम चरण में है तथा 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि अब मिशन इस प्रगति के फायदों को निरंतर बनाए रखने और ओडीएफ-प्लस चरण को गति देने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है जिसमें ठोस और तरल अपशिष्ट का प्रबंधन शामिल है।