विपक्ष के घोर विरोध के बाद भी पास हुआ मुस्लिम महिला विवाह अधिकार रक्षा विधेयक 2019 । इस विधेयक के अनुसार एक बार में तीन तलाक को अवैध घोषित करने का प्रावधान है जिसके लिए पति को तीन साल की कैद हो सकती है।
जैसे ही इस बिल को सदन में लाया गया विपक्ष ने संग्राम करना शुरू कर दिया । परंतु घोर विरोध के बाद भी यह बिल 74 के मुकाबले 186 मतों से पास हो गया। याद रहे पिछली लोकसभा में भी इस बिल को पारित कर चुके थे परंतु राज्यसभा में इस को पारित नहीं होने दिया गया था। इसलिए सरकार इसे दोबारा सदन में लेकर आई है।
विधेयक में तलाक-ए-बिद्दत यानी एक ही बार में तीन तलाक देने के प्रचलन को कानूनन अपराध माना गया है। मुस्लिम महिला विवाह अधिकार रक्षा विधेयक 2019 के अंतर्गत एक बार में तीन तलाक को अवैध घोषित करने का प्रावधान है जिसके लिए पति को तीन साल की कैद हो सकती है। प्रस्तावित कानून के दुरुपयोग होने की आशंकाओं को दूर करते हुए सरकार ने संबंधित पक्षों की रक्षा के कुछ प्रावधान जोड़े हैं। इनमें सुनवाई के दौरान आरोपी को जमानत देने का प्रावधान भी है ।
कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने कहा यह बिल किसी एक समुदाय को लक्षित करने की बजाय ऐसा करो ना जाए जिससे ऐसा करने वाले सभी लोग इसके दायरे में आ सकें एक ही समुदाय के लिए बिल ठीक नहीं है हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी इसका घोर विरोध किया उनका कहना है कि यह बिल बिल्कुल ठीक नहीं है दूसरे धर्म के लोगों को 1 साल की सजा मुसलमानों को 3 साल की सजा उन्होंने कहा सरकार को मुस्लिम महिलाओं से हमदर्दी क्यों हैं वह हिंदू महिलाओं की चिंता क्यों नहीं करती ।