नई दिल्ली। 31 जुलाई : स्वराज अभियान के पहले राष्ट्रीय प्रतिनिधि अधिवेशन में आज राजनैतिक दल निर्माण की घोषणा हुई और देश में वैकल्पिक राजनीति की स्थापना के लिए आवाज़ बुलंद की गयी। कल राष्ट्रीय प्रतिनिधियों के सम्मेलन में ‘राजनीतिक दल निर्माण के प्रस्ताव’ पर गहन विचार-विमर्श हुआ, प्रतिनिधियों के बीच सामूहिक चर्चा हुई, जिसके बाद प्रस्ताव पर सदस्यों द्वारा विधिवत वोटिंग हुई।
प्रतिनिधि सम्मलेन में आज मीडिया की उपस्थिति में वोटिंग परिणाम की घोषणा हुई जिसमें 92.5% बहुमत ने राजनीतिक प्रस्ताव के समर्थन में मुहर लगाई। राष्ट्रीय प्रतिनिधियों द्वारा कुल 433 वोट पड़े जिसमें 405 लोग प्रस्ताव से सहमत, 26 असहमत और 2 वोट अमान्य पाए गए। राष्ट्रीय प्रतिनिधियों की सहमति के बाद स्वराज अभियान ने राजनीति की राह पर आगे बढ़ने का निर्णय लिया।
स्वराज अभियान ने संकल्प लिया है कि 2 अक्टूबर तक राजनीतिक दल का निर्माण करेंगे। वैकल्पिक राजनीति के इस प्रारूप को मूर्त रूप देने के लिए स्वराज अभियान ने एक 6 सदस्यीय टीम का गठन किया।
स्वराज अभियान के गठन के समय तीन मुख्य मापदंड तय किए गए थे। एक, लोकतांत्रिक ढंग से संगठन का निर्माण। दूसरा, देश के सम्मुख गंभीर मुद्दों पर जन आंदोलन चलाना। और तीसरा, पारदर्शिता एवं जवाबदेही को सुनिश्चित करना।
स्वराज अभियान शुरू से आंतरिक लोकतंत्र, पारदर्शिता और जवाबदेही के प्रति प्रतिबद्ध रहा है। आंतरिक लोकतंत्र सुनिश्चित करने के लिए 100 से ज्यादा जिलों में एवं कम से कम 6 राज्यों में संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया पूरी करनी थी। अब तक 114 जिलों एवं 7 राज्यों में नीचे से ऊपर की ओर आंतरिक चुनाव के जरिए संगठन निर्माण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।
प्रो. आनंद कुमार को स्वराज अभियान का राष्ट्रिय अध्यक्ष चुना गया। संगठन के उपाध्यक्ष के तौर पर तमिल नाडु से क्रिस्टिना सामी, बंगाल से अविक साहा, आंध्र प्रदेश से पुरुषोत्तम और दिल्ली से पी. एस. शारदा को चुना गया है। साथ ही फहीम खान को महासचिव, तथा गिरीश नंदगांवकर एवं राजीव ध्यानी स्वराज अभियान के नए सचिव चुने गए।
पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए स्वराज अभियान ने स्वेच्छा से खुद को ‘सूचना के अधिकार’ के अंतर्गत रखा है और जन सूचना अधिकारी नियुक्त किया है। संगठन में जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए तीन सदस्यीय लोकपाल नियुक्त किया गया है। प्रतिनिधि सम्मलेन में प्रशांत भूषण ने स्वराज अभियान के लोकपाल के तौर पर कामिनी जयसवाल, सुमित चक्रवर्ती और नूर मोहम्मद का परिचय रखा। साथ ही, संगठन में शिकायत निवारण समितियां भी बनायी गयी हैं।
स्वराज अभियान ने अपने चार मुख्य कार्यक्रमों – जय किसान आंदोलन, एंटी करप्शन टीम (एक्ट), शिक्षा स्वराज अभियान और अमन समिति की रिपोर्ट भी पेश की। स्वराज अभियान के युवा और छात्रों के संगठन ‘यूथ फॉर स्वराज’ का परिचय कराया गया।
अधिवेशन को संबोधित करते हुए योगेन्द्र यादव ने कहा कि “स्वराज अभियान ने 2 अक्टूबर तक राजनीतिक पार्टी बनाने का संकल्प लिया है। हमारे लिए पार्टी बनाने का मतलब है कि इस देश में सच्चाई और ईमानदारी की ऊर्जा जहाँ कहीं भी है उसे जोड़ना। हम ईमान और सच्चाई की ऊर्जा को संगठित करके वैकल्पिक राजनीति की एक मिसाल पेश करेंगे।”
स्वराज संकल्प के प्रतीक के रूप में सर पर पीले रंग के पट्टे को धारण किया गया। पीला रंग ऊर्जा का प्रतीक है, नई आशा का प्रतीक है, सूरज का प्रतीक है, पवित्रता का प्रतीक है। इस प्रतीक को धारण कर और स्वराज के संकल्प को लेकर राष्ट्रीय प्रतिनिधि अधिवेशन का समापन हुआ।