नीरज पन्त , अल्मोडा : इसे भारतीय राजनीति के राजनीतिक एकाधिकार की राक्षशी मनोव्रती समझें या निम्न्न स्तर की संवेदनशीलता की देश के दिशा निर्धारक शिक्षक सत्ता के समक्ष उसकी एड़ी पर नाक रगड़ने को मजबूर दिखते है। दूर से देखने में ये दृश्य किसी लोकतान्त्रिक तरीके से चुने गए मुख्यमंत्री से अपनी मांग रखने का तो नहीं दिखता। वही दुसरी ओर मुख्यमंत्री महोदय की अपने चरणों में नतमस्तक निरीह पडी इस शिक्षिका पर व्यंगात्मक हंसी से कई यक्ष प्रश्न उत्पन्न होते है।
शिक्षक का इस तरह चरणों में गिरने का यह दृश्य देव भूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड राज्य के मुख्यमंत्री श्री हरीश रावत जी के समक्ष का है, बिंदुखत्ता की हाट कलिका की शिक्षिका उमा पांडे का राज्य के मुख्यमंत्री के चरणों में गिरकर गुहार लगाना तथा मुख्यमंत्री का उन पर हंसना एक लोकतान्त्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार का एक भयावह दृश्य है।
जागेश्वर विधानसभा के कद्दावर बीजेपी नेता सुभाष पांडे इस घटना से व्यतिथ होकर राज्य के मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, उन्होंने कहा इस तरह की घटना इस दौरान राज्य में आम हो चली है। उन्होंने कहा उत्तराखंड की यह सरकार अब आम जनता की सरकार न होकर शियाशी चाटुकारों की हो चुकी है। उन्होंने बताया अब सरकार में काम मुख्यमंत्री , मंत्री, चयनित व्यक्तियों के ही किये जाते है। सुभाष ने कहा वो इस सरकार के हर कुकृत्य को जन जन तक लेकर जायेंगे और जनता आगामी चुनावों में बता देगी उन्हें राजा जनता ने बनाया है नाकि उन्हें ये राजशत्ता उनके पूर्वजों से प्राप्त हुई है।