चंडीगढ़ : भारतीय शिक्षण मंडल महानगर द्वारा आयोजित शहीदी दिवस का आयोजन पंजाब विश्वविद्यालय में किया गया , इस अवसर पर प्रख्यात शिक्षाविद श्री विश्वबन्धु जी ने उदबोधित करते हुए कहा कि बलिदानी परंपरा के ओजस्वी भाव ,युवा पीढ़ी को अपने मन में आत्मसात करना होगा क्योंकि आत्मसंकल्प के बगैर हम उच्च आदर्शों को निर्धारित नहीं कर सकते हैं
इसके लिए हमें राष्ट्र के प्रति समर्पण, लगन, निष्ठा को अपने आदर्शों में स्थापित करना होगा, तभी हम अपने कर्तव्यों के प्रति सजग रह पाएंगे,आज हम सबको राष्ट्र के प्रति समर्पण के भाव को जागृत करने की आवश्यकता है,हम सर्वाधिक युवाओं की आबादी वाले देश हैं,हमें अपने कर्तव्यों के द्वारा राष्ट्र के प्रति प्राण न्यौछावर करने वाले हुतात्माओं के बलिदानी ओज को चिरस्थायी रखना होगा
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्री प्रशांत गौतम ,विभागाध्यक्ष ,पर्यटन अध्ययन विभाग,पंजाब विश्वविद्यालय ने कहा कि आज परिवर्तन का दौर है हम सब युवा सर्वाधिक मेधा,प्रतिभा सम्पन्न राष्ट्र के घटक हैं इस सात्विक शक्ति का सदुपयोग करने हेतु अमर शहीदों को प्रेरणास्त्रोत मानकर राष्ट्रोन्नति में अपना योगदान सुनिश्चित किया जा सकता है
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय तथा महानगर के विभिन्न महाविद्यालयों से आये शोधार्थियों से भारतीय शिक्षण मंडल के प्रचारक दयानिधि उर्मलिया जी ने अपील की, की आज हमें भगत सिंह एवं अन्य सहिदों के विचारों पर शोध करके उनके सकारत्मक विचारों को समाज के समक्ष रखने की आवश्यकता है, एवं विश्व विद्यालयों में सहिदों की पावन समृति को चिर स्थाई बनाने हेतु शोध पीठ की स्थापना होनी चाइये ताकि युवा उन सहिदों को अपना प्रेरक मानकर राष्ट्रउनती में अपना योगदान सुनिश्चित कर सके , दयानिधि जी ने जोर देते हुए कहा आज देश को वैचारिक क्रांति की आवश्यकता हे तथा अपनी अमर विजय गाथा को बताने का समय आ गया हे
इतिहास के प्रोफेसर प्रशांत गौरव ने अमर शहीदों की बलिदानी गाथा का बखान करते हुए युवाओं को राष्ट्र के प्रति समर्पण का संकल्प दिलाया और उन्हें राष्ट्र निर्माण के लिए बढ़चढ़ कर हिस्सा लेने का संकलप लिया