जाति-जाति में जाति हैं, जो केतन के पात।
रैदास मनुष ना जुड़ सके जब तक जाति न जात।।
मुगलो की यातना सही पर हिन्दू धर्म न छोड़ा, ऐसे महान सन्त गुरु रविदास जी की जयंती पर शत शत नमन
सन्तों में शिरोमणि रविदास का नाम अग्रणी है । सन्त रविदास के उपदेश समाज के कल्याण तथा उत्थान के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं।
विचारों की श्रेष्ठता, समाज के हित की भावना से प्रेरित कार्य तथा सद्व्यवहार जैसे गुण ही मनुष्य को महान बनाने में सहायक होते हैं। इन्हीं गुणों के कारण सन्त रविदास को अपने समय के समाज में अत्यधिक सम्मान मिला और इसी कारण आज भी लोग इन्हें श्रद्धापूर्वक स्मरण करते हैं।
पुनश्च उनके श्री चरणों में कोटिशः प्रणाम…