श्यामदास साधु : प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी बार बार कहते हैं कि आज़ादी के बाद एक परिवार को बढ़ाने के लिए अन्य महान लोगों का योगदान को भुला दिया गया –ये बात पूरी तरह सत्य है —
लेकिन नरेंद्र मोदी की महानता इसमें है कि उन्होंने ऐसे सभी महान लोगों को वो सम्मान दिया जिसके वो हकदार थे –कांग्रेस ने उन्हें पूरी तरह नज़र अंदाज किया —
कांग्रेस ने नेहरू को पिछले दरवाजे से गद्दी पर बिठाने वाले गाँधी को भी बस एक बात के लिए याद रखा कि गाँधी हत्या आरएसएस ने कराई थी –लेकिन मोदी ने गाँधी को कांग्रेस से पूरी तरह छीन लिया- और बता दिया एक संघी गाँधी की कितनी इज़्ज़त कर सकता है —
आज भी कांग्रेस गाँधी को केवल ये आरोप लगाने के लिए ही याद करती है जिसका मतलब है कि कांग्रेस आज़ादी की कीमत (Liberation Dividend) के साथ गाँधी हत्या dividend भी भुनाती रही है और आगे भी यही करना चाहती है —
सरदार पटेल को कांग्रेस ने कभी याद नहीं किया जैसे आंबेडकर को भुला दिया –दोनों को भारत रतन देने में उनकी मौत के बाद 40 से ज्यादा लगा दिए -आंबेडकर पर तो कांशी राम और मायावती अपना जैसे ट्रेड मार्क लगा बैठे थे केवल दलितों की वोटों के लिए —
मोदी ने सरदार पटेल को वो सम्मान दिया जो कांग्रेस कभी कल्पना भी नहीं कर सकती थी –अब 31 अक्टूबर को उनकी विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा लगा कर कांग्रेस को दिखा देंगे कि एक महान नेता को सम्मान कैसे दिया जाता है —
ऐसे ही मोदी ने मायावती से उसके बाबा साहब अंबडेकर को छीन लिया और दलितों को दिखाया उनके नेता को (जिनके नाम पर उनके वोट मायावती लेती है ) सम्मान कैसे दिया जाता है —
ये गाँधी, पटेल और अम्बेडकर केवल तीन ही नहीं हैं जिन्हे कांग्रेस ने भुलाया, और बहुत नाम मिलेंगे जो गुमनाम कर दिए कांग्रेस ने —
आज लाल किले में आज़ाद हिन्द फ़ौज की सरकार की स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने पर मोदी ने नेता जी और उनके सेनानियों जो सम्मान दिया वो देख कर दिल गदगद हो गया –नेता की फ़ौज के वयोवृद्ध सेनानी ललती राम जी (उम्र शायद 95 के होगी) खड़े होने में परेशानी हो रही थी मगर सीना तान कर खड़े हो कर मोदी को आज़ाद हिन्द फ़ौज की टोपी पहनाने में गर्व महसूस कर रहे थे —
ललती राम जी से टोपी पहनने में मोदी जी अपने आप को जैसे आज़ाद हिन्द फ़ौज का सेनानी मान रहे थे –आज उन्होंने ये टोपी पहनने से मना नहीं किया –मगर आज ये मीडिया में चर्चा का विषय नहीं बना – मगर जालीदार टोपी ना पहनने पर कोहराम मच गया था –
जिस सुभाष चंद्र बोस की आज़ाद हिन्द फ़ौज की सरकार को 11 देशों ने 1943 में ही मान्यता दे दी –उस बोस, उनकी सरकार और उनकी सेना की स्मृतियों को कांग्रेस ने मिटटी में मिला दिया –
आज ख़ुशी की बात है कि नेता जी के नाम पर आपदा राहत कार्य में उत्तम सेवा करने वालों को पुरूस्कार दिए जायेंगे –ऐसी घोषणा मोदी जी ने आज लाल किले के समारोह में की —
जय हिन्द –