जब अंबानी 2012 में UPA सरकार के दौरान दासॉल्ट के साथ संयुक्त साहस पर हस्ताक्षर करते हैं तो वह एक GOOD अंबानी है
लेकिन जब अंबानी मोदी-सरकार के दौरान उसी दासॉल्ट के साथ संयुक्त साहस पर हस्ताक्षर करते हैं तो वह एक BAD अंबानी हो जाते है!
मित्रों आज मेरे मित्र ने 2012 के कुछ न्यूज़ पोटोज और अन्य मीडिया की कटिंग भेजी जिसमें मीडिया ने बहुत बढ़ चढ़कर लिखा था कि रिलायंस कंपनी डिफेंस सेक्टर में भी इंटर कर चुकी है शायद आज के लोग भूल चुके हैं कि कुछ समय कौन सी सरकार थी हां मनमोहन सिंह जी की सरकार चल रही थी रिलायंस का साल्ट कंपनी के साथ एमओयू भी तभी हो चुका था लेकिन हमारे राजनीतिज्ञ जनता को पागल बनाने में लगे हैं और कहीं ना कहीं मीडिया भी अपने ही चक्कर में फंस चुका है पहले बहुत बढ़ा चढ़ाकर खबर लिखी गई थी किस प्रकार से रिलायंस कंपनी डसॉल्ट एवियशन के साथ हथियारों का निर्माण करने जा रही है
आज यह सब बातें छुपा कर मात्र लोगों को गुमराह किया जा रहा है कि गाने को मोदी ने रात रात में राफेल का सौदा करने के लिए आगे कर दिया आगे जनता को सोचना है कि कौन सच है कि कौन गलत है या फिर ऐसा भी हो सकता है एक पार्टी जब सत्ता में हो तो हम बानी बहुत अच्छा वहीं विपक्ष में हो अंबानी बहुत गलत