मनोज जोशी , चंडीगढ़ : पंजाब विश्वविद्यालय में चुनाव का माहौल जोरों पर है और हर राजनीतिक दल विद्यार्थियों को रिझाने के लिए नए नए वादे कर रहे हैं, सबसे बड़ी चिंता का वीसी यह नहीं की यह पढ़ नहीं रहे बल्कि चिंता का विषय है क्षेत्रवाद को बढ़ावा देना
पंजाब विश्वविद्यालय के छात्र अपने-अपने राज्यों के बच्चों को एकत्र करके नारे लगा रहे हैं की हम ही जीतेंगे हमें कोई नहीं हरा सकता और हम पंजाब विश्वविद्यालय में एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए लड़ेंगे,
यह एक बहुत ही बड़ी चिंता का विषय है कि विद्यार्थी के अधिकार क्या राज्यों के हिसाब से तय होंगे या फिर सभी विद्यार्थी एक ही अधिकार के लिए लड़ेंगे हरियाणा के छात्र अपनी अलग पार्टी बना कर अपना दवा रखेंगे और वही पंजाब से भी छात्र कुछ इसी प्रकार से चुनावी मैदान में उतरेंगे हिमाचल प्रदेश से दो दो क्षेत्रीय पार्टियां मैदान में उतरने का दावा कर रही हैं
ज्ञात रहे कि यह सब विद्यार्थी देश की एक प्रसिद्ध विश्वविद्यालय के छात्र (पंजाब विश्वविद्यालय) हैं जो क्षेत्रवाद की राजनीति विश्वविद्यालय से ही शुरु कर देते हैं यह एक बहुत ही चिंता का विषय है कि जब बच्चों के मन में शिक्षा लेते हुए ही क्षेत्रवाद की भावना होगी तो उन लोगों का क्या होगा जो ज्ञान से वंचित रह गए और अपने राज्यों में मात्र क्षेत्रवाद की राजनीति के चक्कर में पड़ जाते हैं अगर विश्वविद्यालय में इसी प्रकार चलता रहा तो क्षेत्रवाद की राजनीति का अंत होना मुश्किल लगता है यह एक सोचने का विषय है जरूर सोचियेगा और आप अपने सुझाव हमें कमेंट बॉक्स पर लिखकर भी दे सकते हैं, जय हिंद