सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय आंतरिक जांच समिति ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को यौन उत्पीड़न के आरोपों में दी क्लीन चिट, कहा उसे उनके खिलाफ आरोपों में नहीं मिला कोई ”ठोस आधार”.
सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय आंतरिक जांच समिति ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को यौन उत्पीड़न के आरोपों में क्लीन चिट दे दी है। न्यायमूर्ति एस.ए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय आंतरिक जांच समिति को प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न के आरोपों में कोई ‘‘दम’ ’ नजर नहीं आया है। शीर्ष अदालत की एक पूर्व महिला कर्मचारी ने प्रधान न्यायाधीश पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाये थे।
उच्चतम न्यायालय के सेक्रेटरी जनरल के कार्यालय द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि आंतरिक जांच समिति ने आंतरिक प्रक्रिया के अनुरूप पांच मई, 2019 को न्यायमूर्ति बोबडे के बाद के वरिष्ठ न्यायाधीश को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इस रिपोर्ट की एक प्रति संबंधित न्यायाधीश, प्रधान न्यायाधीश को भी भेजी गयी है।
शीर्ष अदालत की एक पूर्व कर्मचारी ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाते हुये उच्चतम न्यायालय के 22 न्यायाधीशों के आवास पर अपना हलफनामा भेजा था। इसके बाद ही न्यायालय ने न्यायमूर्ति बोबडे की अध्यक्षता में आंतरिक जांच समिति गठित की थी। इस समिति में दो महिला न्यायाधीशों-न्यायमूर्ति इन्दु मल्होत्रा और न्यायमूर्ति इन्दिरा बनर्जी-को शामिल किया गया था।