गिरीश कुमार साहू : जम्बूद्वीप के इच्छबाकु वंश के सम्राटो की अयोध्या का सम्मान 3 युगों एवम कलियुग में शायद 12 वी शताब्दी तक ही रहा होगा। जब असुर यानी मूलले भारत्तवर्ष आये ( देवभूमि ), तो देवासुर संग्राम हुआ जिसको हम सम्राट पृथ्वीराज चौहान की पराजय के रूप में जानते है (इंद्र परास्त हुआ ) तो 800 वर्षों से अब असुर राज ही चल रहा है।
असुरो ने देवभूमि को नष्ट करने के लिए जगह जगह मूर्ति खंडन, मस्जिद निर्माण और कब्रिस्तान बनाये। कब्रिस्तान यानी, हिन्दू शास्त्रो के अनुसार जहॉ पिशाच भूत रहते है वहा से देवता पलायन कर जाते है। तो प्रायागराज, काशी, अयोध्या , आदि में मुघलो द्वारा यही सब हुआ है 12वी शताब्दी के बाद् से अभी तक।
अंधकासुर के नए रूप में जन्मे औरंगजेब* के शाशन काल मे अयोध्या को प्रदूषित करने का षड्यंत्र आरम्भ हुआ और फिर निर्णय स्वरूप, *अयोध्या की परिधि के 50 किलोमीटर दूर भी कोई मुस्लिम मरता था, तो उसकी कब्र अयोध्या में बनार्इ जाती थी।* इस तरह पवित्र भूमि आयोद्या,श्मशान भूमि हो गई 1950 तंक।
1950 के बाद् शमशान भूमि की पहचान के सरकारी कानून के अंतर्गत, हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई के लिए जमीन आबंटित हुई, तबसे थोड़ा सा कब्रिस्तान विस्तार पँर रोक लगी। अयोध्या के पिछड़े होने का यही उपर्युक्त कारण है, प्राचीन सेठों द्वारा बनाई गई धर्मशालाएं नष्ट हो चुकी है,पंडो के आश्रय स्थल नष्ट हो चुके, आयोद्या बचाने में कई पीढ़ियों के पंडे वंश और हजारो साधु संत मर चुके है अभी तक। मुघलो और अंग्रेजो के समय बारम्बार आयोद्या पर आक्रमण हुए, *जिसका प्रतिकार वहां , आस पास के निवासियों, नागा साधुओं ने किया* और योद्या नगर का अस्तित्व बचाए रक्खा अन्ययथा *मुसलमान और कांग्रेज़ तो फैजाबाद बना ही चुके है।
तो आज जो योद्या दिख रहा है वो लगभग *50% कब्रिस्तान से पटा हुआ है जमीन के नीचे अस्थिपंजर ही मिलिंगे। क्या ऐसी योद्या मे pm मोदी केवल अपना चेहरा दिखाने, फोटो खिंचाने जाए?* हिन्दू वोटर खुश हो जाएगा इससे ??
अग्निपुराण के मंदिर निर्माण सम्बन्धी आद्याय पढिये, राजा अयोद्या तभी जाएगा जब 1000 खम्भो वाला मन्दिर वहां पूर्ण हो आएगा। धीरज राखिये, डेंगू चिकनगुनिया, बुखार चढ़कर उतारने तंक में 1 माह लग जाता है , महंगे महंगे असप्तालो मे भी, और अयोद्या मे *जिस वास्तुपुरुष का पूरा शरीर कब्रिस्तान से भरा पड़ा है,* तो उसकी सफाई, स्थाई मंदिर निर्माण के लिए, पुरा संसाधन,भावना,उद्योग और पूर्ण सुरक्षा होनी चाहिए, जोकि तभी होगी जब ऊतरप्रदेश मे आप हम जैसे कर्तव्यनिष्ट हिन्दू होंगे, *कांग्रेज़ सपा बसपा के वोटर नही।
अन्यथा मान लीजिए, 20 सितंबर 2018 को मोदी अयोद्या चले जाएं, 2020 तंक राममंदिर बन जाये, लेकिन फिर 2030 के बाद् कांग्रेज़,सपा का शाशन आएगा तो क्या आयोद्या बच पाएगी या बिना हिन्दू नगर के आयोद्या मंदिर बचेगा?
याद रखना अगर हिन्दू सरकार नही होगी तो ही अक्षरधाम पँर हमला, नरसांहार होता है।
( आप सबकी जानकारी के लिए बता दु कि मथुरा के पेड़े सपा शाशनकाल मे यूपी के रेलवे स्टेशन पर बिकने बन्द हो गए थे क्यंकि ये पेड़े केवल हिन्दू दुकानदार ही केवल बनांते थे। पेठा बिकना बन्द नही हुआ क्यंकि मुस्लिम इस कार्य मे बराबर के भागीदार। पेडाबन्दी का किसी भी हिन्दू व्यापारी मंच ने कभी विरोध नही किया। योगी शाशन आया तो पेड़े अब फिरसे बिकने लगे रेलवे स्टेशन पर।)
मित्रो में पूछता हूँ तो किन हिंदुयो के दम पर अयोध्या मे मंदिर बनेगा,जोकि पेड़े पर प्रतिबंध तंक का विरोध नही कर पाए थे ?