6 घंटे से अधिक की चर्चा के बाद देर शाम वस्तु एवं सेवा कर संशोधन अधिनियम राज्यसभा में पारित हो गया।
लंबी जद्दोजहद के बाद आखिरकार बुधवार देर शाम राज्यसभा ने 122वें संविधान संशोधन विधेयक यानी जीएसटी बिल पर अपनी सहमति दे दी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसके लिए पूरे सदन आभार जताते हुए कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद पूरे देश में एक टैक्स सिस्टम होगा और भारत एक समान बाज़ार में बदल जाएगा।
वित्तमंत्री ने कहा कि इस विधेयक से राज्य मजबूत बनेंगे और केंद्र के साथ-साथ राज्यों के राजस्व में भी वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद देश के संघीय ढ़ांचे के मुताबिक काम करेगी, जहां राज्य और केन्द्र के मताधिकार बराबर होंगे। जी एस टी बिल आज पास हो गया क्या आप जानते हैं अब इससे क्या फायदा होगा
तमाम राजनीतिक दलों ने बहस में हिस्सा लिया और सरकार के कदम का समर्थन किया। हालांकि कुछ दलों ने बिल के कुछ प्रावधानों पर आपत्ति जताई।
बिल पर राज्यसभा में देर शाम वोटिंग कराई गई। बिल के पक्ष में 205 मत पड़े, जबकि विपक्ष में एक भी मत नहीं पड़ा।
बता दें कि केंद्र सरकार ने कांग्रेस के सुझावों को स्वीकार करते हुए हाल ही में कैबिनेट की बैठक में संविधान संशोधन विधेयक के संशोधित मसौदे को मंजूरी दे थी। राज्यसभा में जो संशोधित मसौदा जारी किया गया उसके मुताबिक राज्यों को एक फीसदी अतिरिक्त कर लगाने संबंधी प्रावधान हटा लिया गया है। जीएसटी लागू होने के पहले पांच साल के दौरान राज्यों को राजस्व नुकसान की भरपाई की गारंटी दी गयी है और जीएसटी लागू होने पर केंद्र और राज्यों के बीच विवाद की सूरत में जीएसटी परिषद मामले के समाधान के लिए प्रणाली बनाएगी।
जीएसटी लागू होने के बाद पूरे देश में कर की एक दर होगी। फिलहाल देश में वस्तुओं और सेवाओं के लिए अदा किए जाने वाले करों की दरें अलग-अलग हैं। सेवाओं के लिए कर की दर 14 फ़ीसदी है जबकि वस्तुओं के लिए कर की दर अलग-अलग राज्यो में अलग-अलग हैं। जीएसटी कानून बनने से असर ये होगा कि अब तक जो 30 से 35 फीसदी कर देते हैं, वह 17 से 18 फीसदी हो जाएगा और इससे चीजें सस्ती हो जाएंगी।