पंचकूला 18 मार्च। हरियाणा के राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा है कि अंग्रेज सोचते थे कि भारत में अनेक राजा हैं, यह एक राष्ट्र नहीं हो सकता। लेकिन भारत अपनी जीवन पद्धति, संस्कृति के रूप में एक राष्ट्र है। इसे बनाने वाले स्वयं भगवान हैं कोई राजा नहीं। संत-महात्माओं ने इस बात की जानकारी दी कि सृष्टि अथवा मानव का संबंध क्या है, उसे कैसे जीना है। संन्यासी की कोई जात नहीं होती, वह तो मानव कल्याण के बारे में सोचता है। भारत तो प्रेम का संदेश देने वाला है। भगवान कृष्ण ने कुरूक्षेत्र में गीता का संदेश दिया।
प्रो. सोलंकी आज यहां आत्म आडिटोरियम में विक्रमी संवत 2075 समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। पंचकूला के विधायक एवं मुख्य सचेतक ज्ञान चंद गुप्ता, ब्रह्मऋषि बावरा आश्रम विराट नगर पिंजौर की स्वामी डा़ अमृता दीदी ने बतौर मुख्य वक्ता और समाज सेवी दिनेश सिंगला ने विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लिया। समारोह में विधायक ज्ञान चंद गुप्ता, जितेंद्र शर्मा, वीरेंद्र गर्ग, कला परिषद के सुदेश शर्मा आदि मौजूद थे।
सोलंकी ने कहा कि भारत के गौरव को पुन: स्थापित करने से ही मानव कल्याण का संदेश विश्व तक पहुंचेगा। आज जरूरत भारत की अस्मिता को जगाने की है। भ्रष्टाचार, गरीबी, हिंसा, जातियता, सांप्रदायिकता आदि के खात्मे के लिये हनुमान बनने की जरूरत है। भारत को इन बुराइयों रूपी भूत ने घेर रखा है। इन भूतों को भगाने के लिये हनुमान को अपना ध्येय बनाना होगा। कवि नरेश गुप्ता नाज और अमृतपाल ने इस मौके पर कवितायें प्रस्तुत कीं। स्कूली विद्यार्थियों ने हनुमान चालीसा का दृश्य श्रव्य रूप प्रस्तुत किया जिसकी राज्यपाल ने मुक्त कंठ से सराहना की। राज्यपाल ने कहा कि भारत के गौरव को पुन: स्थापित करने से ही मानव कल्याण का संदेश विश्व तक पहुंचेगा। आज जरूरत भारत की अस्मिता को जगाने की है। आयोजन समिति ने आज सबको भगवां कर दिया है। भगवाकरण देश की पहचान है। विश्व में भारत एकमात्र ऐसा राष्ट्र है जिसके जन्म के बारे में किसी को नहीं पता। एक अरब 97 करोड़ 49 लाख 39 हजार 110 साल पहले सृष्टि का जन्म हुआ। संवतसर का संबंधी ब्रह्मांड से है। सम्राट विक्रमादित्य ने शकों का विनाश किया। उसी की स्मृति में 2074 वर्ष पूर्व चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन विक्रमी संवत का प्रारंभ हुआ। भारतीय काल गणना इसी दिन से प्रारंभ होती है। नवरात्रे भी इसी दिन से शुरू होते हैं। आर्य समाज की स्थापना भी इसी दिन हुई। यह संस्कृति से जुडऩे का पर्व है।
ब्रह्मऋषि बावरा आश्रम विराट नगर पिंजौर की स्वामी डा़ अमृता दीदी ने कहा कि हरियाणा सरकार संस्कृत भाषा के संरक्षण के प्रति गंभीर है और इस कड़ी में हाल ही में हरियाणा विधानसभा में कैथल जिले के मूनदड़ी में भगवान बाल्मिकी के नाम पर संस्कृत विश्वविद्यालय स्थापित करने का विधेयक पास किया है, जिसके यहां उपस्थित राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी भी बधाई के पात्र हैं और आशा है कि इस विश्वविद्यालय में संस्कृत भाषा के पुर्नत्थान के नई गतिविधियां चलाई जाएंगी।
राज्यपाल का संयोजक ईश्वर जिंदल, सत्यनारायण गुप्ता, रामाकांत भारद्वाज, पीयूष जैन, वीरेंद्र गर्ग, विजय गर्ग, विनोद जैन, विशाल जैन, रामपाल मल्होत्रा, जितेंद्र शर्मा, विजय अग्रवाल ने स्वागत किया। समारोह में रागनी गायक गुलाब सिंह अपनी शानदार प्रस्तुति दी। साथ ही कुछ कवि भी अपनी प्रस्तुत की। बंगा से एक स्कूल की टीम द्वारा परफॉर्मेंस दी। रविवार को लोगों ने अपने घरों पर झंडे एवं छोटी झंडिया लगा रखी थी। इस अवसर पर उपायुक्त मुकुल कुमार, जिला पुलिस उपायुक्त मनबीर सिंह इस सफल आयोजन में आर्य समाज सेक्टर 9, श्री सनातन धर्म केंद्रीय परिषद, श्री गुरु सिंह सभा, एसएस जैन सभा, संत निरंकारी मंडल, जैन प्रगतिशील संघ, सत्य साईं सेवा ऑर्गनाइजेशन, मुस्लिम वेलफेयर सोसाइटी, हरियाणा वाल्मीकि समाज, बंजारा समाज, भगवान परशुराम ब्राहमण कल्याण संघ, अग्रवाल विकास ट्रस्ट, आहलुवालिया सभा, वेद प्रचार समिति, इस्कॉन, राधा स्वामी सत्संग ब्यास सहित अन्य सभाओं ने सहयोग दिया। इस अवसर पर नीलम अवस्थी, कमला भाटीवाल, आरसी गुप्ता, कुलजीत सिंह, जगदीश प्रसाद जैन, जिया लाल जैन, अरविंद अवस्थी, प्रेम गर्ग, नरेंद्र आहूजा, एसके नैय्यर, प्रताप सिंह, जसमेर सिंह भी उपस्थित थे।