भोपाल : माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. कुठियाला जी के विषय में कुछ अखबारों व सोशल मीडिया में अनेक प्रकार की भ्रामक जानकारियां आ रही हैं। उसकी सच्चाई जानना आवश्यक है। बहुत से लोग उनके आदर्श जीवन और बौद्धिक जगत में उनके योगदान को निकट से जानते हैं, परन्तु जो नहीं जानते कोंग्रेस सरकार उनके मन में अनेक प्रकार की भ्रांतियां खड़ी कर सकती हैं।
मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने उनके ऊपर कई ऐसे केस डाले हैं, जिन्हें जान लगता है, जैसे कि प्रोफेसर कुठियाला ने यह शोध कार्य पाकिस्तान में किये हों, उदाहरण के लिए स्वामी विवेकानंद, महर्षि पाणिनि, महर्षि पतंजलि एवं महर्षि अरविंद के ऊपर शोध कार्य करवाया। जिसे कोंग्रेस सरकार गलत कार्य मनवाने में लगी है अब कमलनाथ को यह कौन समझाएगा की यह है महर्षि किसी पार्टी के न होकर पूरे भारत का गौरव हैं, जिनका भारतीय इतिहास में एक बहुत बड़ा योगदान है, और आज पूरा विश्व इनके ऊपर शोध कार्य कर रहा है परंतु कमलनाथ सरकार द्वारा महर्षि के ऊपर कराए गए शोध कार्य को लेकर प्रोफेसर कुठियाला पर केस बनाया जा रहा है।
वास्तविकता जानने के लिए मध्य प्रदेश के कुछ पत्रकार मित्रों से बात की। इन सभी का कहना है कि कुठियाला जी को केवल वैचारिक लड़ाई का मोहरा बनाया गया है। कांग्रेस के एक शिखर नेता ने कहा “कुठियाला के साथ ऐसा करो कि संघ का कोई व्यक्ति फिर ऐसे खुलकर काम करने से डरे’’
जिज्ञासावस हमने कुठियाला जी के खिलाफ दर्ज एफआईआर की कॉपी डाउनलोड की। पढ़ कर कुछ ऐसा लगा कि कुठियाला जी के जिन कामों की प्रशंसा होनी चाहिए थी, उनको अपराध घोषित करने की चेष्टा एफआईआर में की गई है। उदाहरण के लिए, एफआईआर का मुख्य भाग यहां उद्धरित है :-
“ वर्ष 2010 से 2018 के बीच प्रोफ़ेसर बृज किशोर कुठियाला द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अन्य आरोपियों के षड्यन्त्र में संलिप्त होकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को राशि 8 लाख रुपये, राष्ट्रीय ज्ञान संगम के लिए राशि 9.5 लाख रुपये, जम्मू कश्मीर अध्ययन केन्द्र द्वारा श्रीश्री रविशंकर के आश्रम में आयोजित राष्ट्रीय विद्वत संगम के लिए राशि 3 लाख रुपये, भारतीय क्षिक्षण मण्डल नागपुर को राशि 8 हजार रुपये तथा भारतीय वेब प्रा०लि० नागपुर को राशि 46,607 रुपये अवैधानिक रूप से विश्वविद्यालय की निधि राशि से जारी कर लाभ प्रदान किया है। इस प्रकार से लगभग कुल राशि 21,04,607/- रुपये की आर्थिक हानि विश्वविद्यालय को कारित की गई है”।
मध्य प्रदेश के लोग बताते हैं कि प्रोफेसर कुठियाला से पहले माखनलाल चतुर्वेदी यूनिवर्सिटी को कोई नहीं जानता था वह मात्र एक छोटी सी विश्वविद्यालय के रूप में जानी जाती थी परंतु प्रो कुठियाला ने इस यूनिवर्सिटी में इतना काम किया कि आज इसका नाम पूरे भारत में बहुत ही सम्मान से लिया जाता है।
आप तय करें कि इस प्रकार के प्रयास अपराध हैं या देश की बौद्धिक समृद्धि के कार्य। पुरस्कार देने योग्य कार्य हैं या कि दण्डनीय कार्य। जल्दी ही एफआईआर की अन्य जानकारियां भी आप तक पहुंचाएंगे।
Academic freedom and independence is important for good and healthy reseach.
कांग्रेस का पतन निश्चित जो स्वामी विवेकानंद जी एवं महर्षि पतंजलि के शोध कार्य को व्यर्थ का पता सकता है वह हिंदू हित क्या करेगा यह आप सभी समझ सकते हैं जागो भाइयों जितनी कांग्रेस बची है उसका भी खात्मा करना पड़ेगा