राज शेखर तिवारी : केवल एक महीने में लगभग , 25 करोड़ लोगों ने एक महीने में सनातन सिद्धान्त और मान्यताओं के अनुसार चलते हुए प्रयाग में कुम्भ मेले में भाग लिया ।
केवल धर्म के विषय को हटाकर , मैं आपको कुछ डेटा प्वाइंट देता हूँ और आप समझिए की क्यों आपका देश सोने की चिड़िया था और अब आप क्यो दलिद्र बन गए हैं ।
25 करोड़ लोगों के उपर, राष्ट्रवादी सरकार ने 4200 करोड़ रूपए ख़र्च किए जिस पर कामी वामी आपियों ने हल्ला भी मचाया पर एक अनुमान के अनुसार केवल लोकल इकॉनमी 1,20,000 करोड़ रूपए जेनेरेट हुई । और यह केवल लोकल इकॉनमी का अनुमान है , अर्थात लगभग 30 गुना केवल लोकल इकॉनमी का उत्पादन । भारत को केंद्रीय स्तर पर क्या मिला यह आने वाले समय का डेटा बताएगा । फिर भी लगभग 50 गुना , सनातन ने देश को दे दिया ।
यह वह सनातन था जिसने धर्म किया , अर्थ का उत्पादन किया, यज्ञ किया , योग किया , दान दिया ( दान के स्वरूप को मैं पहले भी समझा चुका हूँ ) और मोक्ष की कामना की ।
पिछले एक महीने में सनातन के मेले कुम्भ में नगण्य अपराध हुए और अद्भुत शान्ति के साथ यह सब कुछ हुआ । यह थी सोने के चिड़िया की कथा ।
और इसी बीच , उसी एक महीने लगभग 19 करोड़ पाकिस्तानियों ने , बीस तीस आतंकवादी वारदात , 2 बिलियन डॉलर का क़र्ज़ा, अनगिनत हत्या लूट बलात्कार और केवल प्रोपेगण्डा किया और उस प्रोपेगण्डा में आपके ही देश के कुछ तत्व भी उसके साथ खड़े रहे। यह है जीवन को नर्क बनाने वाली अब्राहमिक व्यवस्था ।
चूँकि यह मैं बेबोलेनिया या सुमेरु सभ्यता के बारे में नहीं बल्कि पिछले महीने की ही घटना के अनुसार बता रहा हूँ और यह सब आपके “ चित्त “ में अंकित ही है अत: आपको समझने में कोई कष्ट नहीं होना चाहिए ।
तय , आपको करना है की आप शुद्ध सनातन के मार्ग पर चलना चाहते हैं , अपने बच्चों को पुन: सोने की चिड़िया देना चाहते हैं या अब्राहमिक फेथ जो केवल आपको भिखारी बनाकर छोड़ेंगा उसके चंगुल में पड़ना चाहते हैं ।
यह एक संक्रमण काल है , और आपको और चौकन्ना हो जाना है ..