देशभर में लागू हो गई मेगा पेंशन योजना, प्रधानमंत्री ने गुजरात के वस्त्राल से की श्रमयोगी मानधन योजना की शुरूआत, कहा- असंगठित क्षेत्र के 40 करोड़ से अधिक श्रमिकों के पसीने की पहचान है ये योजना, करीब साढ़े 14 लाख लोग योजना से जुड़े।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के उन तमाम वर्गो को सामाजिक सुरक्षा से लैस कर दिया जो अब तक इन सुविधाओं से वंचित थे। पीएम ने अपनी गुजरात यात्रा के दूसरे दिन असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे कामगारों के लिए इस बड़ी योजना की शरूआत की। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये योजना देश के श्रमजीवियों,कर्मजीवियों को समर्पित है और मां भारती के भाल पर ये एक तिलक के समान है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ग़रीबी कैसी होती है और एक मज़दूर का जीवन कितना संघर्षपूर्ण होता है इसे उन्होने नज़दीक से देखा है। वजह यही है आज़ादी के बाद जो काम ग़रीबों,मज़दूरों और कामगारों के हित के लिए नहीं हुआ उसे सिर्फ 55 महीने वाली सरकार ने मुमकिन करके दिखाया है। असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों और मजदूरों के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना की घोषणा इस साल फरवरी में अंतरिम बजट में की गई थी। श्रम योगी मानधन योजना से वे सभी लोग जुड़ सकते हैं जिनकी आय 15 हज़ार प्रति माह है या इससे कम है।
इस योजना में स्वैच्छिक रूप से वो लोग जुड़ सकते हैं जो योग्य हों। योजना के साथ जुड़ने की उम्र 18 वर्ष से 40 वर्ष तक की है। किसी भी कॉमन सेंटर पर जाकर रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है। 60 वर्ष की उम्र के बाद जुड़ने वाले पात्र व्यक्तियों 3 हज़ार प्रति माह की निश्चित राशि पेंशन के रूप में मिलेगी। इसके तहत 18 वर्ष की उम्र में जुड़ने वाले व्यक्ति को 55रु. प्रति माह 29 वर्ष की आयु में जुड़ने वाले को 100रु. प्रति माह और 40वर्ष की उम्र में जुड़ने वाले व्यक्ति को 200रु. प्रति माह का अंशदान देना होगा।
योजना से असंगठित क्षेत्र के 10 करोड़ श्रमिकों को लाभ मिलेगा। पीएम ने ‘प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना’ के तहत 11 लाख 51 हजार लाभार्थियों तक 13 करोड़ 58 लाख 31 हजार 918 रुपये की धनराशि सीधे श्रमिकों के पेंशन खातों में ट्रांसफर की। दरअसल, मेहनतकश लोगों तक सामाजिक लाभ पहुंचे इसके लिए सरकार ने प्रधानमंत्री बीमा योजना भी लागू की है। अब बीमा के बाद पेंशन योजना की शुरुआत असंगठित क्षेत्र के लोगों के लिए नई उम्मीद है।