दशहरा के मौके पर पीएम मोदी ने दुनिया में व्याप्त रावण रुपी आतंकवाद के खात्मे के संकल्प को एक बार फिर से दोहराया है। ये पहली बार था जब कोई प्रधानमंत्री दशहरा मनाने दिल्ली से इतर लखनऊ पहुंचे हो। पीएम मोदी ने देश की सबसे पुरानी रामलीला का मंचन देखा और कहा कि कभी-कभी युद्ध अनिवार्य होता है लेकिन भारत युद्ध से बुद्ध के रास्ते पर चलने बाला देश है।
परंपराओं से अलग हटकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को दशहरा के अवसर पर लखनऊ में ऐतिहासिक ऐशबाग रामलीला में हिस्सा लेने पहुंचे और दशहरा कार्यक्रम में हिस्सा लिया। पीएम ने रामलीला के राम, लक्ष्मण और हनुमान को टीका लगाया और फिर उनकी आरती की।
इसके बाद पीएम को गदा, धनुष-बाण और चक्र भेंट किया गया। इस मौके पर पीएम ने अपने संबोधन में आतंकवाद का मसला प्रमुखता से उठाया और कहा कि जो देश आतंकवाद को पनाहगाह दे रहे हैं उनको किसी भी हालत में बख्शा नहीं जा सकता।
पीएम ने कहा भारत शांति प्रिय देश है और वो युद्ध से बुद्ध की ओर जाने वाला देश है लेकिन कभी कभी युद्ध अनिवार्य होता है। पीएम ने कहा कि पहले भारत जब आतंकवाद के बारे में दुनिया को बताता था तो कोई देश उसे गंभीरता से नहीं लेता था लेकिन आज 26- 11 के हमले के बाद दुनिया आतंकवाद की गंभीरता को समझ रही है।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद की न कोई कोई सीमा है और न मर्यादा । इसलिए सबको आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होना होगा।
पीएम ने कहा कि रामायण गवाह है कि आतंकवाद के खिलाफ पहली लडाई जटायू ने लडी थी और हम राम न बन पाए तो जटायू को बनकर आतंकवादियों का मुकाबला कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि रावण को जलाते समय सबको संकल्प लेना चाहिए जो देश में तमाम बुराइयां हैं उनको दूर करें और साथ में ये हिसाब किताब भी करना चाहिए कि हमने अब कितनी बुराइयों को दूर किया।
दशहरे का मतलब बताते हुए पीएम ने कहा कि बुराइयों को दूर किए बिना दशहरा सफल नहीं हो सकता। पीएम ने कहा कि भ्रष्टाचार दुराचार और गरीबी को भी समाज से दूर करना होगा जो कि रावण का ही रुप है।
लखनऊ के ऐशबाग की रामलीला मैदान का बहुत ही ऐतिहासिक महत्व है। कहा जाता है कि यही देश की सबसे पुरानी रामलीला है और असल में रामलीला की शुरुआत भी यहीं से करीब 500 साल पहले हुई थी।
खास बात यह भी है ऐशबाग मुस्लिम बाहुल्य इलाके में है और यहां पर रामलीला देखने आने वालों में बड़ी संख्या में मुस्लिम भी होते हैं। इसी रामलीला के सामने ईदगाह मैदान भी है।
इसलिए य़े सामाजिक समरसता का एक उदाहरण माना जाता है। एक समय था जब ऐशबाग के रामलीला मैदान में असली हाथी घोड़ो के साथ रामलीला होती थी, लेकिन अब यहां पर मंच बनाकर हाईटेक तकनीकी का इस्तेमाल करके शानदार रामलीला का आयोजन किया जाता है।
इस बार रामलीला का मंच थाईलैंड के मंदिर की तर्ज पर बनाया गया है। हर बार रामलीला मंच का एक थीम भी होता है. पिछले साल यह गौ हत्या प्रतिबंध था और इस बार की थीम आतंकवाद से जुड़ी थी।
दशहरे के दिन बुराई का अंत किया जाता है और इस समय दुनिया के सामने सबसे बडी बुराई आतंकवाद ही है ऐसे में आतंकवाद के खिलाफ सख्त संदेश देकर पीएम ने साफ कर दिया है कि दुनिया से आतंकवाद की इस बुराई को खत्म करना ही होगा।