नई दिल्ली : आतंकवाद केवल भारत के लिए नहीं बल्कि दुनिया के लिए सिरदर्द बन गया है। दिन ब दिन यह विषय बढ़ता जा रहा है। जिसे खत्म करने में भारत अहम भूमिका निभा रहा है। आज एक मुस्लिम बहुल राष्ट्र काउंटर अटैक पर अर्तराष्ट्रीय गोष्ठी कर रहे है और मलेशिया के उप प्रधानमंत्री, यूएई, कतार, सउदी अरब आदि देश आंतकवाद पर चर्चा कर रहे हैं। लेकिन हम इस विषय को शिफ्ट करने की कोशिश कर रहे है। उक्त बातें केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजीजू ने कही।
रिजीजू दिल्ली के कान्सटूयूशन क्लब में पंचनद शोध संस्थान द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद-इससे हम कैसे प्रभावित है विषय पर एक गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। गोष्ठी को संबोधित करते हुए रिजीजू ने कहा कि यह विषय जितना महत्वपूर्ण है उतना ही संवेदनशील भी है। इसलिए इस विषय पर बोलने से ज्यादा कुछ करके दिखाने की जरूरत है। जिस पर केन्द्र सरकार पूरी निष्ठा व ईमानदारी से काम कर रही है। रिजीजू ने कहा कि घर चलाना और सरकार चलाना दोनो ही कठिन काम है। क्योंकि जहां चूक हुई वहीं पर शोर होना शुरू। हमारे पास समस्याओं का काफी बड़ा इतिहास है, लेकिन अभी तक की सरकारे हल निकालने में नाकाम साबित हुई है। आंतकवाद अब केवल भारत देश का मुद्दा नहीं है। बल्कि दुनिया के कई बड़े देश इस समस्या से जूझ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आतंकवाद को खत्म करने के लिए कई प्रयास किए है। जिसे वह बंदूक की जगह किताब देने की बात करते है। उन्होंने कहा कि जब मोदी साहब इस पर बात करते हैं तो वह व्यक्तियों की बात करते है कि जाति या संप्रदाय की बात नहीं करते । रिजीजू ने कहा कि आतंकवाद को खत्म करने के लिए हमने 40 हजार एनजीओ का रजिस्ट्रेशन रद्द किया। आज जाकिर नाइक की संस्था द्वारा राजीव गांधी फाउडेशन को 50 लाख की रकम देने का मामला सामने आया है। यह एनजीओं विदेशों से चंदा लेकर देश को अस्थिर करने का काम करते है। उन्होंने कहा कि 12 साल बाद जम्मू कश्मीर में बुरहान मारा गया तो सोशल मीडिया पर इसे गलत तरीके से पेश किया गया। इस मौके पर रॉ के पूर्व प्रमुख विक्रम सूद और काउंटर टेरोरिज्म के विशेषज्ञ डॉ अजय साहनी ने अपने विचार रखे।