गांव, गरीब और किसान को फोकस में रखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को आम बजट पेश किया. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह पहला बजट रहा और पहली बार एक महिला वित्त मंत्री ने आम बजट पेश किया इसलिए इस बजट पर सबकी निगाहें रहीं. बजट में नए भारत के निर्माण और भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को हासिल करने के उद्देश्य से कई कदमों का एलान किया गया. बजट की एक खास बात यह भी थी कि वित्त मंत्री जब अपने मंत्रालय से बजट दस्तावेज लेकर बाहर निकलीं तो दस्तावेज सूटकेस में नहीं बल्कि लाल रंग के एक कपड़े में लिपटे हुए थे. ठीक उसी तरह जैसे बही-खाते रखे जाते हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शुक्रवार सुबह जब अपने सहयोगी मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ बजट का पिटारा लेकर संसद भवन पहुंचीं, तो लोगों की उम्मीदें चरम पर थीं. वित्त मंत्री के सामने थी जनता की आकांक्षाओं और उम्मीदों को पूरा करने की चुनौती, तो साथ में ही अर्थव्यवस्था को विकास की पटरी पर बुलेट ट्रेन की रफ्तार से दौड़ाने का दबाव. संसद में ठीक ग्यारह बजे वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण का पिटारा खोला तो उसमें समाज के हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ था. वित्त मंत्री ने साफ किया कि उनकी हर योजना के केंद्र में गांव, गरीब और किसान है.
नए भारत के निर्माण को ध्यान में रखकर बनाए गए इस बजट में अगले कुछ सालों में पांच ट्रिलियन की इकॉनमी बनाने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए वित्त मंत्री ने दस प्वाइंट रखे हैं.
वित्त मंत्री ने चाणक्य नीति के एक सूत्र और एक शायरी के जरिए बताया कि कैसे उनका ये संकल्प पूरा होगा.
नए जनादेश के साथ लौटी मोदी सरकार ने अपने बजट में बड़ी संख्या में कंपनियों के लिए कर भार कम करने और विदेशी निवेश को आसान बनाने सहित आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के कई उपायों की घोषणा की है.
आइये जानते हैं कि बजट में वित्त मंत्री ने और किसे क्या दिया. बजट की मुख्य बातों पर गौर करें तो,
आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए 400 करोड़ रुपये सालाना कारोबार करने वाली कंपनियों के लिए कंपनी कर की दर 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत कर दी गई है. इस कदम से 99.3 प्रतिशत कंपनियां कम कर के दायरे में आ जाएंगी. अब तक 250 करोड़ कारोबार करने वाली कंपनियां पर ही 25 प्रतिशत की दर से कर लगाया जा रहा था. आम वेतनभोगी तबके को आयकर के मामले में कोई नई राहत नहीं दी गई है. हालांकि, अंतरिम बजट में की गई घोषणा को दोहराते हुये सीतारमण ने पांच लाख रुपये सालाना की कर योग्य आय वालों को कर छूट जारी रखी है. बजट में सस्ते मकानों के लिए बैंक कर्ज पर अब 3.5 लाख करोड़ रुपये तक के ब्याज पर कर कटौती की छूट देने की घोषणा की गई है. अभी आवास ऋण के दो लाख रुपये तक के ब्याज पर आयकर छूट दी जाती है. बजट में पर्यावरण सुरक्षा के उद्देश्य से इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद को प्रोत्साहन दिया गया है. इसके तहत इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैंक ऋण पर 1.5 लाख रुपये तक के ब्याज पर कर की छूट मिलेगी. स्टार्ट अप को बढ़ावा देते हुए उनके लिए नियमों को सरल बनाया गया है और विभिन्न प्रकार की जांच- पड़ताल से निजात देने की घोषणा बजट में की गई है. अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने के लिये गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों का नकदी संकट दूर करने के उपायों की घोषणा की है. सरकारी बैंक एनबीएफसी कंपनियों के एक लाख करोड़ रुपये के ऋण खरीद सकते हैं और बैंकों को इसके लिए एक बारगी अल्प अवधि की ‘क्रेडिट गारंटी’ दी जाएगी. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पूंजी उपलब्धता बढ़ाने के वास्ते चालू वित्त वर्ष के दौरान उनमें 70,000 करोड़ रुपये की पूंजी डाली जाएगी. इसके साथ ही सार्वजनिक क्षेत्र के कुछ बैंकों का निजीकरण कर संसाधन जुटाने का भी प्रस्ताव किया गया है.
वित्त मंत्री ने संसाधन जुटाने के ध्येय से दो करोड़ रुपये और उससे अधिक कमाई करने वालों पर अधिभार बढ़ाने की घोषणा की है. दो करोड़ से लेकर पांच करोड़ रुपये तक और पांच करोड़ रुपये से अधिक की कर योग्य आय पर क्रमश: तीन प्रतिशत और सात प्रतिशत तक अधिभार बढ़ जाएगा. पेट्रोल, डीजल पर उपकर और सोने पर आयात शुल्क बढ़ा दिया गया है. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, औद्योगिक गलियारे, समर्पित माल-भाड़ा गलियारा, भारतमाला तथा सागरमाला परियोजनाओं के जरिए हर प्रकार की कनेक्टिविटी को आगे बढ़ाया गया है. डिजिटल इकॉनमी के लिए कई कदम उठाए गए हैं. 2022 तक सबको आवास देने की प्रतिबद्धता है तो 2024 तक हर घर में नल से पानी का संकल्प जताया गया है.
इससे पहले नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश करने से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जब मंत्रालय से बाहर निकलीं, तो उनके हाथ में वित्त मंत्रियों के हाथ में हर बार दिखने वाला लाल रंग का ब्रीफकेस नहीं था. उनके हाथ में ब्रीफकेस की जगह लाल रंग का अशोक स्तंभ चिह्न वाला एक पैकेट था. ऐसा पहली बार हुआ जब ब्रीफकेस की जगह बजट को एक लाल कपड़े में रखा गया है. सरकार के मुताबिक यह पश्चिमी विचारों से निकलने का प्रतीक है. यह बजट नहीं बही-खाता है. वित्त मंत्री ने राष्ट्रपति से बजट की मंजूरी ली और फिर कैबिनेट की बैठक में बजट की मंजूरी मिली.
कुल मिलाकर देखें तो पीएम मोदी 2022 तक नया भारत बनाने की बात कह चुके हैं. ये बजट उसी नए भारत के सपने की दिशा में एक कदम साबित होगा.