अंबादत्त तिवारी, अल्मोड़ा : मैं यह कदाचित नहीं कहूंगा कि किस राजनीतिक दल ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को वह सम्मान ना दिया जिसके वह असल हकदार थे आज देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने हर उस राष्ट्रभक्त को सम्मान दिलाया है जिसे पिछले कई वर्षों तक सम्मान ना मिल सका उनमें से एक हैं सुभाष चंद्र बोस जिन्होंने भारत को आजाद कराने के लिए अहम भूमिका निभाई परंतु उन्हें इतिहास में वह स्थान ना मिल सका यह हम सभी को विचार करना चाहिए आखिर क्यों ऐसा हुआ
” तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा ।” के उद्घोष से विश्व को हिला देने वाले सुभाष बाबू को भारत ही नहीं विदेशो में बैठे हिन्दू समाज ने भी अपना नेता स्वीकार किया और उनके पीछे चल पड़े । अंग्रेजो की नौकरी छोड़कर हजारो लोग आजाद हिन्द फ़ौज से जुड़ गए । माताओ बहनो ने अपने जेवर दान में दिए तो विद्यार्थियो ने अपने जेब खर्च ।
काँग्रेस ने पूर्ण बहुमत से उन्हें अपना अध्यक्ष चुना परन्तु गांधी जी की इच्छा से उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया । सारा देश अंग्रेजो के विरुद्ध खड़ा हो गया । जय हिन्द के नारे लगाते हुए आजाद हिन्द फ़ौज अरुणाचल के रास्ते भारत में दाखिल हुई । दिल्ली चलो के नारे ने अंग्रेजो के होश उड़ा दिया । इतना उत्साह और प्रेरक नेतृत्व अचानक गायब हो जाता है ।
सारा देश आज भी उनके इन्तजार में है । स्वामी विवेकानंद जी से प्रेरित सुभाष बाबू ने एक बार कहा था ” यदि स्वामी जी जीवित होते तो मैं उनके चरणों में बैठा होता ” ऐसे आध्यात्मिक , राजनैतिक , समाजिक तथा क्रन्तिकारी स्वभाव वाले नेता जी को जन्मदिन पर पुनः शुभकामनाये ।
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 122वीं जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दिल्ली के लालकिले में सुभाष चन्द्र बोस संग्रहालय राष्ट्र को किया समर्पित, जलियांवाला बाग और 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम पर आधारित संग्रहालय का भी किया अवलोकन।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राजधानी दिल्ली के लालकिले में सुभाष चंद्र बोस संग्रहालय का उद्घाटन किया। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी जलियांवाला बाग आधारित संग्रहालय ‘याद-ए-जलियां संग्रहालय’ और 1857 में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम पर आधारित संग्रहालय और भारतीय कला पर दृश्यकला संग्रहालय भी गये। बोस और आजाद हिंद फौज पर संग्रहालय में सुभाष चंद्र बोस और आईएनए से संबंधित विभिन्न वस्तुओं को प्रदर्शित किया गया है।