मोदी जी ने कहा अगर मै चाहता तो बड़ी बड़ी योजनाओ का लालच देकर वोट बैंक की राजनीति कर सकता था, जैसे कांग्रेस वाले ऋण माफी का लालच देकर 5 राज्य जीत लिए और उन्हीं 5 राज्यों में क्या हो रहा है यह छिपा नहीं है. मै यदि चाहता तो किसानों का कर्ज एक झटके में माफ कर देता, मुझे क्या जरूरत पड़ी है किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध करवाने के लिए 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक की परियोजना शुरू करने की, मै वोट बैंक की राजनीति के लिए, अपने फायदे के लिए काम नहीं करता हूं, मै देशवासियों की समस्याओं का स्थाई समाधान कर रहा हूं. ताकि मेरे देश के किसान को पानी के लिए तरसना ना पड़े, ऋण माफी कोई स्थाई समाधान नहीं है, आज माफ कर दूंगा कल किसान फिर ऋण ले लेंगे.
इसी तरह उन्होंने बताया कि कैसे खामोशी से बिना ढोल पीटे, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीम योजना और जीवन ज्योति बीमा योजना में सरकार ने 3000 करोड़ रुपया मुसीबत के समय देशवासियों को 2-2 लाख के रूप में दिया है. अगर मै 3000 करोड़ की कोई परियोजना बनाता तो अखबारों की हेड लाइन बनता.
इसका अर्थ यह हुआ कि जहां से हम सोचना बंद करते है मोदी जी उसके कहीं आगे से सोचना शुरू करते है, इसलिए यहां फेसबुकियों द्वारा मोदी जी को राजनीति सिखाना निहायती मूर्खता समझता हूं मै.
मोदी जी आज जिस पद पर है वहां तक पहुंचने में उन्होंने तमाम मुश्किलों को देखा है, झेला है, तमाम उतार चढ़ाव से गुजरे है उसके बाद वो आज प्रधानमन्त्री बने है.
मैंने देखा है, हमने जितनी बार मोदी जी की नीयत, मोदी सरकार की नीयत पर संदेह किया उतनी बार हमारे मुंह पर करारा तमाचा पड़ा है. कभी हम हिंदुत्व के मुद्दे पर शक करते है, कभी हम किसी अन्य मुद्दे पर संदेह करते है, मोदी ने ये नहीं किया, मोदी ने वो नहीं किया, अरे भाई कभी उसकी तो बात करो जो मोदी ने किया है.
आज मै आप सब से पूछना चाहता हूं, खास कर सवर्णों से, क्या आपने 2014 में मोदी सरकार को इसलिए वोट दिया था कि मोदी सरकार सवर्णों को आर्थिक आधार पर 10% आरक्षण देगी ? कभी सोचा था किसी ने इसके बारे में की ऐसा भी कुछ हो सकता है ?
कुतर्क करने को आप हजारों कुतर्क कर सकते है, की 3 राज्यों को हारने के बाद ऐसा किया, 2019 चुनाव को देखते हुए ऐसा किया, आज मोदी जी ने इन तमाम कुतर्कों का जवाब दिया, इस देश में हर साल कोई ना कोई चुनाव लगा रहता है, 3 महीने पहले लाते तो आप कहते 5 राज्यों चुनाव जीतने के लिए मोदी ने ऐसा किया, इसीलिए मै तो कहता हूं कि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ होने चाहिए ये सरा झंझट ही खत्म हो जाएगा.
आज सुबह से राज्यसभा की कार्यवाही देख रहा हूं, कोई भी विपक्षी दल सवर्णों को 10% आरक्षण का समर्थन बिना (इफ & बट) किए कर ही नहीं रहे है. मै इस बिल का समर्थन करता हूं पर… मै इस बिल का समर्थन करता हूं लेकिन… मै पहली बार विपक्षी दलों को इतना बेबस देख रहा हूं, मोदी ने ऐसी हड्डी फंसाई है कि न निगलते बन रहा है न उगलते बन रहा है.
कल दिन भर लोकसभा और आज राज्यसभा की कार्यवाही देखने के बाद यह समझ में आ रहा है मोदी जी ने इस बिल पर अच्छी खासी तैयारी की है, किसी भी विपक्षी दल के पास इस बिल का विरोध करने के लिए ठोस तर्क नहीं है, कल से सिर्फ तरह तरह के कुतर्क ही देख रहा हूं विपक्षी दलों के.
कुल मिला के मोदी को राजनीति सिखाना बेवकूफी है, और हां, अब मै यह दावे के साथ कह सकता हूं, मोदी को कोई पार्टी हरा नहीं सकती, इस देश का वर्तमान और भविष्य आजादी के 67 वर्षो बाद सही हाथों में है. मोदी जी इतनी आसानी से सत्ता नहीं हथियाने देंगे कांग्रेस को.
मोदी जी कांग्रेस मुक्त भारत की बात करते है, आपको यह जुमला लग रहा होगा, लेकिन मुझे इसमें मोदी जी का संकल्प दिखाई देता है, मुझे ठीक से याद नहीं आ रहा लेकिन कुछ महीनों पहले मोदी जी ने कहा था, मै इतनी आसानी से जाने वाला नहीं हूं, मैंने भ्रष्टाचार के खिलाफ जो यज्ञ शुरू किया है इसमें अंतिम आहुति देकर ही जाऊंगा.
मै मोदी जी के हर एक शब्द पर बड़ी गंभीरता से विचार करता हूं, और मुझे साफ़ समझ में आ रहा है कि नरेंद्र मोदी जी ने जो कहा है वो किया है, और कर रहे है, इसलिए मोदी सरकार पर संदेह करना मै आत्मघाती और बेवकूफी समझता हूं.
इससे बेहतर सरकार इस देश को, देशवासियों को और हिन्दुओं को कभी नहीं मिल सकती.