के के शर्मा : 16 मई को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनाव जीती बीजेपी ओर 26 मई को पीएम के तौर पर नरेंद्र मोदी ने ली थी शपथ।गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी को तीन साल पहले जनता ने गुजरात छोड़कर दिल्ली में आने को मजबूर कर दिया. खुद बीजेपी ने नहीं सोचा था कि पार्टी को इस प्रकार का बहुमत मिलेगा जो ऐतिहासिक होकर भारतीय राजनीति के सुनहरे पन्नों में दर्ज हो जाएगा. यह पहली बार हुआ कि एक वर्तमान मुख्यमंत्री देश के प्रधानमंत्री पद का उत्तराधिकारी बना.
कारण साफ था गुजरात के बाहर मोदी की कार्यशैली, निर्णय लेने की क्षमता, कुछ नया करने की इच्छाशक्ति और भविष्य को ध्यान में रखकर तकनीक का प्रयोग आदि की खबरें जो आई उसने लोगों के दिलोदिमाग पर एक ही छाप छोड़ी।
पहले लोग गुजरात के बाहर मुख्यमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी के जानते थे. अब लोग एक पीएम के रूप में नरेंद्र मोदी को जानते और समझने लगे हैं. पिछले चार सालों में पीएम मोदी के प्रति लोगों का लगाव कुछ ऐसा बढ़ा है कि उनकी लोकप्रियता का ग्राफ नीचे आने का नाम ही नहीं ले रहा है. विपक्ष इसी बात से परेशान है.
भारत सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अपने 3 साल पूरे कर लिए हैं। इन चार सालों में मोदी सरकार द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा हर कोई अपने-अपने तरीके से कर रहा है। कोई मोदी सरकार की उपलब्धियों को गिना रहा है, तो कोई मोदी सरकार की कमियों को उजागर कर अपने तरीके से मोदी सरकार के 4 साल के कामकाज की समीक्षा कर रहा है।
इन चार सालों में मोदी सरकार की सबसे बड़ी खासियत ये रही कि 3 साल के कार्यकाल में मोदी सरकार के किसी मंत्रिमंडल के सदस्य पर कोई भी भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा। कहा जाए तो मोदी सरकार की यही सबसे बड़ी उपलब्धि है। किसी भी बड़े देश की सरकार बिना किसी घोटाले या भ्रष्टाचार के दाग़ के अपना कार्यकाल पूर्ण करने की तरफ अग्रसर हो तो यह बात उस सरकार के लिए ही नहीं, बल्कि उस देश के लिए भी शुभ संकेत है।
मोदी सरकार ने इन चार सालों में कई क्रांतिकारी और जनहित के फैसले लिए, जो कि सीधे-सीधे आम आदमी को प्रभावित करते हैं। नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने बीते चार वर्षों में अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं, साथ-साथ अनेक सफलताएं भी पाई हैं। पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार के चार साल में पीएम को लोगों को जानने और समझने का मौका मिला. इन तीन सालों में पीएम मोदी के कुछ ऐसे काम रहे जो तमाम लोगों की नजर बेहतर पाए हैं. इनमें से कुछ का जिक्र अब बनता है.
नरेंद्र मोदी का स्वच्छता का प्रति झुकाव
शायद ही इससे पहले किसी प्रधानमंत्री का स्वच्छता के प्रति इतना झुकाव देश ने देखा होगा. स्वच्छता को एक अभियान बनाना. अभियान का हिस्सा बनना. खुद झाड़ू लेकर मैदान में उतरना और लाखों लोगों को इसके लिए प्रेरित करना. आसान काम नहीं है. लेकिन पीएम मोदी ने बखूबी कर दिया.
पीएम नरेंद्र मोदी का समय का पालन करना
पीएम नरेंद्र मोदी काफी मेहनती है. कहा जाता है कि दिन में 18 घंटे वह काम करते हैं. समय की पाबंदी पसंद करते हैं. जब से सत्ता में आए इन्होंने सरकारी कर्मचारियों में इसे लागू करवाने की प्रक्रिया आरंभ कर दी. कई मंत्रालयों में जहां कर्मचारी 11 बजे के बाद दिखाई देते थे और 3 बजे तक कुर्सियां खाली होना शुरू हो जाती वहां की परिस्थिति बिल्कुल बदल गई है.
सर्जिकल स्ट्राइक कर पाकिस्तान और विपक्ष का मुंह बंद
नरेंद्र मोदी सरकार ने पाकिस्तान के नियंत्रण वाले कश्मीर के हिस्से में सर्जिकल स्ट्राइक की मंजूरी दी और भारतीय सेना ने पहली यह कारनामा कर पूरी दुनिया को अचरज में डाल दिया.
पीएम के मन की बात
सत्ता में आने के बाद किसी प्रधानमंत्री ने जनता से जुड़ने का अनोखा माध्यम निकाला मन की बात. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महीने के अंतिम रविवार को लगातार मन की बात कार्यक्रम के जरिए लोगों को संबोधित करते हैं. इस कार्यक्रम के लिए लोगों से सुझाव मंगाते और कई मुद्दों पर लोगों से बात करते हैं. पीएम की इस पहल की लोगों ने काफी सराहना की है.
भ्रष्टाचार पर अंकुश की कोशिश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता में आते ही यह प्रयास आरंभ किए कि भ्रष्टाचार पर हर प्रकार का अंकुश लगे. इसके लिए सरकार सभी सरकारी भुगतान ऑनलाइन करने का निर्णय लिया. टेंडरिंग को पूरी तरह ऑनलाइन करने का आदेश दिया. इस प्रकार के कई आदेश सरकार दिए और पिछले तीन साल में अभी तक सरकार पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा है. जबकि पिछली सरकार में मंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक पर आरोप लगते रहे हैं.
स्वस्थता के प्रति सजगता
पीएम मोदी स्वास्थ्य के प्रति काफी सजग हैं. वह सुबह उठकर योग करते हैं. उन्होंने पूरी दुनिया में योग दिवस मनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र से संपर्क किया और भारत के नाम एक अंतरराष्ट्रीय सफलता लगी.
तकनीक के प्रति रुझान
प्रधानमंत्री बनने से पहले नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम थे. वहां से वह लगातार सोशल मीडिया के जरिए लोगों से जुड़े रहे हैं. मोबाइल तकनीक और तकनीक का प्रयोग कामकाज में करने ताकि पारदर्शिता बने और काम सहज हो. यह प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी की देश को एक देन है. भारत में राष्ट्रपति का एक ट्विटर हैंडल बना. पीएमओ का ट्वीटर हैंडल, पीएम का, सभी मंत्रालयों और मंत्री को ट्वटीर से लोगों से जुड़ने का आदेश दिया गया और सभी को सक्रियता से इससे जुड़ने की बात कही गई. परिणाम साफ है कि विदेश मंत्रालय से लेकर रेल, और कई मंत्रालयों में लोगों ने ट्विटर के जरिए अपनी समस्याओं का समाधान किया. कई बार तो बड़ी समस्याओं का समाधान एक ट्वीट से हो गया. उससे से बड़ी बात समय पर लोगों को सुविधा मिली और लोगों ने पीएम की इस मुहिम का लाभ उठाया और दिया धन्यवाद.
डिजिटल भारत की मुहिम
डिजिटल भारत के सपने को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी आगे बढ़ रहे हैं. उनके पिछले तीन साल के कार्यक्रम में वह लगातार इस ओर बढ़ते जा रहे हैं. लोगों ने इस दिशा में काम करने का आग्रह कर रहे हैं. सरकार के सभी विभागों को डिजिटलाइजेशन के लिए प्रेरित कर रहे हैं. उनका मानना है कि इससे पर्यावरण से लेकर धन की हानि दोनों को बचाया जा सकता है. कई सरकारी काम अब इस माध्यम से होने लगे हैं. इतना ही नहीं कई ऐसे फॉर्म को सरल किया जिसके चलते लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ता था.
रोज एक कानून किया खत्म
आजादी के पहले अंग्रेजों ने भारत के लिए कई कानून बनाए. आजादी के बाद भी हजारों की संख्या में इस प्रकार के कानून भारत में चलते रहे. कई ऐसे कानून भी हैं जिनकी अब आवश्यकता भी नहीं रही. आजादी के 70 से भी ज्यादा हो गए कई सरकारें आईं कई लेकिन किसी ने भी इस ओर विचार नहीं किया. नरेंद्र मोदी सरकार ने कई ऐसे कानून रद्द कर दिए जिनकी अब कोई जरूरत नहीं है. एक कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि जब से वह सरकार में आए हैं तब से लेकर अब तक उन्होंने 1000 से ज्यादा कानून रद्द कर दिये हैं. वे अपनी इस मुहिम में रोज आगे बढ़ रहे हैं. उनका मानना है कि कई गैरजरूरी कानून लोगों के लिए दिक्कत पैदा करते हैं.
पाकिस्तान को अलग थलग करना
अंतरराष्ट्रीय मंच पर आतंकवाद को नीति के रूप में प्रयोग कर रहे पाकिस्तान को भारत ने अलग थलग कर दिया. आज पाकिस्तान पर अमेरिका से लेकर कई देशों ने दबाव बनाया है कि वह आतंकवाद को प्रशय देना बंद करे. इस काम में मोदी सरकार को बड़ी कामयाबी मिली है.
चीन की आंखों में आंखों डालना
पिछले काफी समय से चीन भारत के बड़े भाई की भूमिका में आने के प्रयास में रहा. एक तरफ जहां वह पाकिस्तान की मदद कर रहा है वहीं भारत के कई हिस्से पर अपना दावा करता रहा है. एलएसी को वह स्वीकार नहीं कर रहा है. लेकिन कई दशकों बाद भारत ने लेह के आगे अपने 100 टैंक भेजे और युद्धाभ्यास किया. वहीं अरुणाचल प्रदेश के विकास और सीमा पर सड़क निर्माण कार्य को तेजी से आगे बढ़ाया गया.
जन धन योजना के तहत 15 करोड़ से अधिक बैंक खाते खुले, जीवन बीमा और पेंशन वाले 10 करोड़ से अधिक के डेबिट कार्ड जारी
रसोई गैस में नकद सब्सिडी हस्तांतरण योजना लागू। सब्सिडी में सालाना पांच अरब डॉलर बचत की उम्मीद। डीजल मूल्य भी नियंत्रण मुक्त।
मुद्रा बैंक 20 हजार करोड़ रुपये कोष के साथ शुरू। यह छोटे उद्यमियों को 50 हजार से 10 लाख रुपये ऋण देगा।
गरीब महिलाओं को ‘ प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ ने सुविधा संपन्न महिलाओं से बराबरी करने का अवसर दिया है और सामाजिक न्याय के एक अनदेखे पक्ष का समाधान किया है। अब तक इस योजना के तहत 3 करोड़ 30 लाख से ज्यादा गैस कनेक्शन दिए जा चुके हैं।
सरकार ने Maternity Benefit Act में बदलाव करके एक बड़ा कदम उठाया है। महिलाओं को 12 सप्ताह के स्थान पर वेतन सहित, 26 सप्ताह की छुट्टी देने का प्रावधान किया गया है। अब कामकाजी महिलाओं को अपने नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए अधिक समय मिला करेगा।
मुस्लिम महिलाओं के बीच मोदी की लोकप्रियता में हुआ इजाफा
हिन्दुस्तान की बड़ी आबादी लगभग 09 करोड़ महिलाओं को आखिरकार तलाक के मामले में मुल्लाओं द्वारा थोपे गये थोथे इस्लामी कानून से मुक्ति मिल ही गई। वो भी दस−बीस या सौ−दौ सौ साल बाद नहीं, लगभग 1400 सौ साल लग गये तब जाकर हिन्दुस्तान की महिलाओं को इस जिहालत से छुटकारा मिल पाया।
भले ही देश की सर्वोच्च अदालत के आदेश से मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक (तलाक−ए−बिद्दत) से निजात मिल गयी लेकिन इसके पीछे की उन राजनैतिक शक्तियों को नकारा नहीं जा सकता है, जिसकी वजह से सुप्रीम कोर्ट को इस अमानवीय गैर इस्लामिक परम्परा को खत्म करने में कोई खास परेशानी नहीं आई। खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसके लिये साधुवाद देना चाहिए, जिन्होंने मुल्लाओं, कट्टरपंथियों से लेकर सियासतदारों, कथित बुद्धिजीवियों तक की आलोचनाओं और तमाम अवरोधों की परवाह नहीं की और मुस्लिम महिलाओं को उनका हक दिलाने के लिये चट्टान की तरह अडिग रहे। इसीलिये बीजेपी के साथ−साथ अन्य कुछ दल भी इस फैसले के लिये सुप्रीम कोर्ट के अलावा मोदी सरकार की भी पीठ थपथपा रहे हैं,
‘ प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ के तहत किसानों को सस्ती और सरल बीमा सेवा उपलब्ध कराई जा रही है। वर्ष 2017 के दौरान, रबी और खरीफ की फसलों के लिए, 5 करोड़ 71 लाख किसानों को इस योजना के तहत सुरक्षा कवच प्रदान किया गया है।
सरकार ने गरीबों को 1 रुपए प्रति महीना और 90 पैसे प्रतिदिन के प्रीमियम पर, बीमा योजनाएं सुलभ कराई हैं। अब तक 18 करोड़ से ज्यादा गरीब ‘ प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना’ और ‘ प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना’ से जुड़ चुके हैं। बुजुर्गों की सामाजिक सुरक्षा के लिए भी मेरी सरकार वचनबद्ध है। ‘ अटल पेंशन योजना’ के तहत लगभग 80 लाख वरिष्ठ नागरिक लाभान्वित हो रहे हैं।
गरीबों के जीवन में उजाला फैलाने और उन्हें विकास की राह पर चलने के लिए समर्थ बनाने के लिए, सरकार ‘ सौभाग्य’ योजना के तहत 4 करोड़ गरीबों को बिजली कनेक्शन दे रही है।
समाज के हर तबके तक विकास पहुंचाने की सोच के साथ, ‘ प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना’ का कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। 2014 में केवल 56 % गांव ही सड़क संपर्क से जुड़े थे। अब 82% से ज्यादा गांव सड़कों से जुड़ चुके हैं जिनमें से अधिकांश दूर-दराज इलाकों में हैं।
‘ सीखो और कमाओ’; ‘ उस्ताद’; ‘ गरीब नवाज कौशल विकास योजना’; ‘ नई रोशनी’ आदि कार्यक्रमों के जरिए मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, पारसी और जैन समाज के युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान किए गए हैं।
सरकार ने श्रमिकों के न्यूनतम वेतन में 40 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी की है। श्रम कानूनों के पालन के लिए रजिस्टर की संख्या 56 से घटाकर 5 कर दी गई है। अब श्रम सुविधा पोर्टल पर सभी रिटर्न ऑनलाइन भरे जाते हैं।
मोदी सरकार ने ‘ वन रैंक वन पेंशन’ के अपने वचन को पूरा करते हुए 20 लाख से ज्यादा सेवानिवृत्त सैनिकों को 10,000 करोड़ रुपए से अधिक की बकाया राशि का भुगतान किया है।
सरकार की इन कोशिशों के कारण ही तीन वर्षों में भारत, वर्ल्ड बैंक की ‘ इज ऑफ डूइंग बिजनस’ की रैंकिंग में 142 से 100वीं रैंक पर पहुंच गया है। इससे विश्व बाजार में देश की साख और बढ़ी।
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम एक और उपलब्धि जुड़ी है। सर्वे में पीएम को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूसी राष्ट्रपति ब्लादमीर पुतिन, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, और ब्रिटेन की पीएम टरीजा मे जैसे दिग्गज नेताओं के ऊपर स्थान मिला है। सर्वे से एक बात फिर साबित हो गई है कि पीएम मोदी की लोकप्रियता भारतीय उपमहाद्वीप के बाहर भी बनी हुई है।
अंतर्राष्ट्रीय सर्वेक्षण एजेंसी गैलप इंटरनेशनल ने 55 देशों में लोगों से पूछे गए विभिन्न सवालों के आधार पर अपने वार्षिक सर्वेक्षण में मोदी को विश्व नेताओं में तीसरे नम्बर पर रखा है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन को पहले तथा जर्मनी की चांसलर एंजला मार्केल को इस सर्वेक्षण में दूसरे स्थान पर रखा गया है। मैक्रोन को 21, मार्केल को 20 और मोदी को आठ अंक दिए गए हैं।
सोशल साइट फेसबुक पर जब लोकप्रियता की बात आती है तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस मामले में अमेरिका की राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सहित दुनिया के अन्य नेताओं से काफी आगे हैं।
वंशों, विशेषाधिकारों और ‘पृष्ठभूमि’ के प्रभुत्व वाली व्यवस्था में मोदी सिर्फ अपने बल पर बने नेता भर नहीं हैं। वे सेल्फ-मेड सुपरब्रैंड हैं और बड़ी संख्या में भारतीय उन्हें पूजते हैं फिर चाहे उनकी राजनीति और अर्थशास्त्र कुछ भी क्यों न हो।