नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा भारतीय धरती पर पहली बार तिरंगा फहराने की ऐतिहासिक घटना के 75 साल पूरे होने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने र्पोट ब्लेयर के साउथ प्वाइंट पर 150 फीट ऊंचा तिरंगा फहराया। साथ ही 3 द्वीपों रॉस, नील और हैवलॉक के नाम बदलकर क्रमशः नेताजी सुभाष चन्द्र बोस द्वीप, शहीद द्वीप और स्वराज द्वीप रखा गया।
प्रधानमंत्री ने पोर्ट ब्लेयर में एक जनसभा स्थल पर नेताजी के द्वारा ध्वाजारोहण के 75 साल पूरे होने लोगों के संबोधित करने के लिए पहुंचे। प्रधानमंत्री ने तिरंगा 75 साल के अवसर पर डाक टिकट और एक सिक्का जारी किया। इसी के साथ उन्होने एक स्टार्ट-अप पॉलिसी जारी की।
प्रधानमंत्री ने पोर्ट ब्येलर में कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास लोकार्पण किया। उन्होने 10 मेगावॉट री-गैसिफिकेशन प्लांट,ऑप्टीकल फाइबर चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर तक,प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का उन्नयन,एक 50 बेड वाले आयुष हास्पिटल और एलएनजी पावर प्लांट और इलेक्ट्रिक कार की योजनाओं की शुरूआत की। उन्हे यहां पर प्रतीक चिह्न स्वरूप अंडमान-निकोबार का मानचित्र भेंट किया गया।
प्रधानमंत्री ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह के तीन द्वीपों का नाम बदलने की घोषणा की। उन्होने रॉस द्वीप को नेताजी सुभाष चन्द्र बोस,नील द्वीप को शहीद और हेवलॉग द्वीप को स्वराज द्वीप कर दिया।
उन्होने नेताजी के योगदान के बाद शहीदों और स्वतंत्रा संग्राम के वीर सेनानियों के लिए सम्मान व्यक्त किया। उन्होने वीर सावरकर की जंगे लडाई को याद किया।
प्रधानमंत्री ने द्वीपों के लिए कहा कि विकास धारा में मु्ख्य भू-भाग से ये कतई अलग नहीं है उन्होने औद्योगिक विकास के लिए पर्यावरण अनुकूल प्रयासों का ज़िक्र किया और कहा कि आने वाले दिनों में नई औद्योगिक नीति के तहत यहां उद्योग लगाने वालों को छूट दी जाएगी।