मोदी से लड़ने के लिये मोदी बनना पड़ेगा
अपने बचपन के दिनों में मैंने पढ़ा था, एक ट्रक पर कई टन गन्ने ट्रक से आधे लटकी हुई अवस्था में लटके होते थे… ऐसी ट्रकें बहुत धीमे चलती थी… कभी खराब होती या दुर्घटनाग्रस्त होती तो वहां गन्ने लूटने वालों की भीड़ लग जाती…ड्राइवर ने लोगों को हटाने की बहुत प्रयास किये… लेकिन सैकड़ों लोगों की भीड़ भला एक आदमी का कहा क्यों मानती ?? जब तक ट्रक वहां खड़ी रही तब तक ना जाने कितने लोगों ने गन्ने लूटे होंगे…
जब लोग कहते हैं की मोदी देश को मुर्ख बना रहा है… जब लोग कहते हैं की मोदी तो अडानी अम्बानी और टाटा बिडला का एजेंट है, तो मुझे उसी गन्ने से लदी हुई ट्रक की याद आ जाती है… मोदी ने भारत जैसे देश को महान बनाने की चुनौती स्वीकार की है..?? उस देश को जो स्वघोषित रूप से महान है… जिस देश में ट्रेन या बस दुर्घटनाओं के बाद सबसे पहले घायल और मृतकों के गहने तक लूट लिए जाते हों… जिस देश में आयल टैंक पलट जाने पर ड्राइवर की जान बचाने के स्थान पर लोग पेट्रोल लूटना ज्यादा पसंद करते हों… जिस देश में एक बोतल दारु के लिए लोग अपना वोट बेच देते हों… जिस देश में इमानदारों को मूर्ख घोषित कर दिया जाता हो… जिस देश में लोगों को ये भी समझाना पड़े की हगने के लिए शौचालय जाना चाहिए और हगने के उपरांत हाथ साबुन से धोना चाहिए… जिस देश में सुविधा को अधिकार समझ लिया जाता हो… जिस देश में ट्रेन से लेकर राशन की दुकान तक और दवाई से लेकर दारु तक के लिए लाइन लगानी पड़े… उस देश को महान बनाने का संकल्प लेने वाला इंसान भी अपने आप में महान है…
दुनिया का सबसे आसान काम है दूसरों में दोष निकलना… आप मोदी में भी दोष निकाल सकते हैं… बिलकुल निकालिए… मोदी भगवान नहीं है… उससे भी गलती हो सकती है… हो सकता है मोदी नाटकबाज हो… हो सकता है मोदी जातीवादी हो… हो सकता है मोदी अमीरों को फायदा भी पंहुचा रहे हो…आप कुछ भी कह सकते हैं मोदी को.. आखिर वो हैं क्या..?? एक प्रधान मंत्री ही तो है… JNU वाले तो मोदी को भड़वा भी कह देते हैं… केजरीवाल तो मोदी को चोर कहता है… सोनिया मौत का सौदागर कहती है… युवराज फेंकू कहते हैं… ममता तानाशाह कहती है… लालू ने मोदी को नौटंकीबाज कहा है… कुल मिलाकर मोदी की हैसियत ही क्या है..?? स्वतंत्र भारत के स्वतंत्र लोकतंत्र में आप भारत के प्रधानमंत्री पद पर बैठे हुये व्यक्ति को गाली भी दे सकते हैं…
लेकिन एक चीज़ है जो आप मोदी से छीन नहीं सकते… क्योंकि यह चीज़ छीनी नहीं जा सकती…ये पैदा करनी पड़ती है… और ये चीज़ है… अपनी धरती अपने देश अपनी भारत माता के प्रति मोदी का अथाह और निश्छल प्रेम…ये वो चीज़ है जो आप मोदी से नहीं छीन सकते… आप मोदी से उसकी कुर्सी छीन सकते हैं लेकिन वो संकल्प नहीं छीन सकते जो उसने भारत को महान बनाने के लिए लिया हुआ है… आप मोदी से वो साहस नहीं छीन सकते जो उन्हें प्रधानमंत्री होते हुये भी ये बोलने के लिए प्रेरित करता है की “हाँ मै एक हिन्दू राष्ट्रवादी हूँ“… आप मोदी से नहीं छीन सकते-उनकी बेबाकी..काम के प्रति उनका उत्साह… उनके कड़े और बडे निर्णय लेने की क्षमता… आप नहीं छीन सकते हैं वो धैर्य जो 10 घंटे सीबीआई की जांच और गहन पूछताछ के दौरान भी नहीं टूटा… और आप नहीं छीन सकते है वो 56 इंच सीना जो मोदी को मोदी बनाता है।
ऐसा देश जहाँ हर इंसान जन्म से भ्रष्टाचार और चोरी के गुण लेकर पैदा होता है…जहाँ एक खड़ी गन्ने से लदी ट्रक को भी लोग लूटने से बाज नहीं आते… ऐसे देश को महान बनाने का संकल्प लेने वाला कोई साधारण व्यक्तित्व का मानव नहीं हो सकता।
मोदी को दिन रात कोसने, गरियाने वालों…
मोदी से लड़ना है तो पहले मोदी बनो…
कम से कम एक बार कोशिश कर के देखो
(यह लेख भाई उमाकांत दुबे जी की फेसबुक वाल से लेकर अपने राष्ट्रवादी पाठको के लिए द इंडिया पोस्ट में प्रकाशित किया गया है )