प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को एमएसएम उद्योगों को लेकर कई बड़ी घोषणाएं की. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम के लिए सरकार की यह पहल एक नए युग की शुरुआत मानी जा रही है, जो नए भारत के सपने को सच और करीब ला देगा, क्योंकि यही वो क्षेत्र है जो कृषि के बाद सबसे ज्यादा रोजगार देता है.
दिवाली के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए 12 बड़े फैसलों का एलान कर उन्हें दिवाली गिफ्ट दिया. पीएम मोदी ने छोटे कारोबारियों के लिए जो पहला बंपर गिफ्ट दिया है, वो है 59 मिनट में उन्हें एक करोड़ तक का ऋण मिलना.
पीएम मोदी ने इसके अलावा जीएसटी पंजीकृत एमएसएमई को एक करोड़ तक के नए या विस्तारित लोन के ब्याज में 2 फीसदी की छूट का एलान किया, तो निर्यातकों के लिए लोन के ब्याज में छूट तीन से बढाकर पांच फीसदी करने की भी घोषणा की.
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने 500 करोड़ से ऊपर के टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए TReDS Platform पर आना ज़रूरी कर दिया है कि ताकि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को कैश फ्लो में दिक्कत न आए.
छोटे और मझोले कारोबारियों के सामानों की खरीद आसान बनाने के लिए सरकारी कंपनियों को एमएसएमई से 25 फीसदी खरीदारी अनिवार्य की गई है, तो साथ ही सरकारी कंपनियों के लिए अपनी खरीद का कम से कम 3 फीसदी महिला कारोबारियों से करना ज़रूरी कर दिया गया है.
यही नहीं सरकारी कंपनियों के लिए सरकार के ई-मार्केट प्लेस GeM पर पंजीकरण जरूरी हो गया है, तो साथ ही कंपनियां अपने सभी वेंडर्स एमएसएमई को भी इस प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत कराएंगी. कारोबारियों को तकनीकी मदद के लिए देशभर में 20 हब बनाए जाएंगे और प्रशिक्षण के लिए टूल रूम जैसे 100 स्पोक देशभर में स्थापित किए जाएंगे. इसके लिए 6 हज़ार करोड़ रुपये का पैकेज दिया जाएगा.
एमएसएमई सेक्टर की फार्मा कंपनियों को बिजनेस करने में आसानी के लिए क्लस्टर बनाने का फैसला हुआ है. इन क्लस्टर्स पर 70% खर्च केंद्र सरकार द्वारा होगा. इसके अलावा प्रक्रियागत सुधारों के तहत आठ श्रम कानूनों और दस केंद्रीय नियमों के तहत दिया जाने वाला रिटर्न साल में दो बार की बजाए एक बार देना होगा. अनावश्यक जांच से मुक्ति दिलाने के लिए जांच इंस्पेक्टर को कहां जाना है, इसका निर्णय कंप्यूटर से रैंडम एलॉटमेंट से ही होगा और उसे 48 घंटे में अपनी रिपोर्ट पोर्टल पर डालनी होगी.
सरकार ने छोटे और मझोले कारोबारियों के लिए पर्यावरण मंजूरी की प्रक्रियाओं का सरलीकरण किया है और स्वतः प्रमाणन को बढ़ावा दिया है. वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण कानूनों के तहत अब सिर्फ एक ही मंजूरी जरूरी होगी. इसके अलावा 12वें फैसले के तहत कंपनी अधिनियम में बड़ा बदलाव करने का फैसला लिया गया है, ताकि उऩ्हें छोटी-छोटी भूल सुधारने के लिए कोर्ट कचहरी के चक्कर न काटने पड़े.
कंपनी अधिनियम में संशोधन कर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को कानूनी जटिलताओं से राहत दी गई है और इसके लिए सरकार अध्यादेश लाई है. यानि कुल मिलाकर सरकार का सारा जोर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को मजबूत करने का है क्योंकि पीएम का मानना है कि छोटे उद्योग हमारे देश में करोड़ों देशवासियों की रोज़ी-रोटी का साधन हैं. ये छोटे उद्योग अर्थव्यवस्था में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. ये एमएसएमई कृषि के बाद रोज़गार देने वाला दूसरा सबसे बड़ा सेक्टर है. पीएम के मुताबिक खेती अगर रीढ़ है तो सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम उसके मजबूत कदम हैं.