उत्तर प्रदेश के एक दिवसीय दौरे के पहले चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रायबरेली रेल कोच कारखाने का निरीक्षण किया. प्रधानमंत्री ने यहां एक हज़ार करोड़ से अधिक की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया. उन्होंने एक जनसभा को संबोधित किया. रेल कोच फैक्ट्री आवासीय परिसर की इस रैली में प्रधानमंत्री ने कहा कि 2007 में स्वीकृत इस फैक्ट्री में 2014 तक भी उत्पादन नहीं हो सका, ये हैरान करने वाली स्थिति थी.
उत्तर प्रदेश की एक दिवसीय यात्रा के पहले चरण में रायबरेली पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिले को विकास की ढेरों सौगातें प्रदान की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेल कोच फैक्ट्री का मुआयना किया और इसके प्रत्येक हिस्से में जाकर वहां मौजूद अधिकारियों से जानकारियां हासिल की. उन्होंने अत्याधुनिक बोगी के अंदर जाकर उसका निरीक्षण भी किया. इस दौरान पीएम मोदी को एक ट्रेन की प्रतिकृति भी भेंट की गई.
पीएम ने रायबरेली में एक हजार करोड़ रुपये से अधिक लागत की कई विकास परियोजनाओं का शुभारंभ किया. इसके साथ ही उन्होंने आधुनिक रेल डिब्बा कारखाने में निर्मित 900वें डिब्बे और हमसफर रेलगाड़ी को झंडी दिखाकर रवाना किया. रायबरेली के लालगंज में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपीए सरकार के दौरान कारखाने की बदलहाली पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि 2007 में इस कारखाने की स्थापना को मंजूरी दी गई थी और यह 2010 में बनकर तैयार हुआ.
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस कारखाने में नए रेल डिब्बे बनाने की उम्मीद की गई थी, मगर इसे अपनी पूरी क्षमता से काम नहीं करने दिया गया. प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में इसकी केवल 3 प्रतिशत मशीनें ही चालू हो पाई थीं लेकिन एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद हालात बदल गये।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि रायबरेली कारखाने को जल्द ही रेलडिब्बा उत्पादन का अंतरराष्ट्रीय केंद्र बन जाएगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले दो-तीन साल में इस कारखाने में सालाना 3 हजार रेल डिब्बों का निर्माण होने लगेगा. उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि इसकी वार्षिक निर्माण क्षमता बढ़ाकर 5 हजार कर दी जाए. प्रधानमंत्री ने कहा कि इस फैक्ट्री में तेज रफ्तार रेलगाडि़यों और मेट्रो ट्रेन के डिब्बे और एल्युमिनियम के कोच बनाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि कारखाने के विस्तार से रोजगार के अवसर पैदा होंगे. प्रधानमंत्री ने कहा पिछली सरकारों ने रायबरेली की उपेक्षा की मगर मौजूदा केंद्र सरकार इसके विकास के लिए प्रतिबद्ध है.