दील्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी जरूरतों और सोच के अनुसार प्रधानमंत्री कार्यालय में कामकाज की शैली में कई परिवर्तन किए हैं। खासतौर से उन्होंने स्मार्ट तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देते हुए आधुनिक संचार उपकरणों के इस्तेमाल पर विशेष ध्यान दिया है। इस कड़ी में अब प्रधानमंत्री कार्यालय में मोबाइल ऐप के जरिए वर्चुअल कैबिनेट का आयाम ढूंढा गया है। अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ बातचीत के लिए वे एक मोबाइल ऐप का सहारा लेते हैं। इस नए माध्यम में मंत्रियों को किसी एक स्थान पर बैठक के लिए नहीं आना पड़ता है और वर्चुअल डिजिटल कैबिनेट के साथ बातचीत बिना किसी अवरोध और बाधा के सुरक्षित रूप से मनचाही अवधि तक होती है।
संवाद में उभरती तकनीक के प्रयोग के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का लगाव जग ज़ाहिर है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनकी सक्रिय भागीदारी और आम लोगों के साथ जुड़ाव के बारे में भी हम सब जानते हैं, लेकिन बहुत से लोगों को मालूम नहीं कि प्रधानमंत्री मोदी अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ लगातार संपर्क में बने रहने के लिए भी मोबाइल एप का उपयोग करते हैं।
हाल में प्रधानमंत्री ने अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों से सुझाव आमंत्रित करते हुए पूछा कि 70वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के सिलसिले में गरीबों के हित में सरकार द्वारा चलाए गए 70 कार्यक्रमों को आसानी से किस तरह लोगों तक पहुंचाया जा सकता है। इसके लिए उन्हें कैबिनेट की बैठक नहीं बुलानी पड़ी, बल्कि उन्होंने कैबिनेट मंत्री के समूह में अपनी बात रखी। मंत्रियों ने अपने सुझाव और कार्य की प्रगति का ब्यौरा भी तुरंत देना शुरू कर दिया और प्रधानमंत्री ने अपने विचार भी सबके साथ साझा किए।
इस नए प्रयोग को बहुत से लोग प्रधानमंत्री की डिजिटल कैबिनेट के नाम से पुकारते हैं।
इसके माध्यम से काम करना लोगों की नजरों से भी बचा रहता है । लगभग दो महीने पहले शुरू हुई इस एप के माध्यम से प्रधानमंत्री अपने विचारों और कार्यक्रमों के बारे में अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ विचार विमर्श करते हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री एक अन्य मोबाइल ऐप के जरिए दूसरे निजी समूह से भी जुड़े हुए हैं, इस समूह में भारतीय जनता पार्टी के सांसद शामिल हैं। किसी सार्वजनिक मंच पर बातचीत की तुलना में यह नया प्रयोग अधिक सुरक्षित संचार माध्यम है और इसके सर्वर भारत में मौजूद हैं।
प्रधानमंत्री ने एनडीए सरकार के कार्यक्रमों के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए पहले ही इनका इस्तेमाल शुरू कर दिया है इसके अलावा वे नमो एप के ज़रिए कुछ और निजी समूह का गठन करना चाहते हैं जिसमें खिलाड़ियों, कृषि विशेषज्ञों और टेक्नोक्रैट को शामिल किया जाएगा। ज़ाहिर है पीएम से संपर्क स्थापित करना और उन तक अपनी बात पहुंचाना बेहद सरल और आसान हो गया है।