कांग्रेस और जेडीएस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को कर्नाटक मामले की फिर सुनवाई हुई. दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने आदेश दिया कि शनिवार यानि कर्नाटक विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराया जाए.
सुप्रीम कोर्ट ने सदन में शक्ति परीक्षण की वीडियोग्राफी कराने की मांग को ठुकरा दिया है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक विधानसभा में एंग्लो इंडियन सदस्य के मनोनयन पर भी रोक लगा दी है.
भाजपा नेता रंजना साही ने फेसबुक में कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए लिखा “बहुमत जुटाना,राज्यपाल पटाना तुम्हीं से सीखा है ..जानेमन, वर्ना हम तो इतने मासूम थे कि एक वोट से भी हार स्वीकार कर लिया करते थे #1996” वहीँ प्रकाश वर्मा लिखते हैं की “कौरव गुहार लगा रहे हैं न्याय की
जब पांडव उनकी भाषा में जवाब देने लगे हैं”
दरअसल चुनाव नतीजे आने के बाद राज्यपाल ने येदियुरप्पा को पहले सरकार बनाने का न्योता दिया था और बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का वक्त दिया था. लेकिन कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन ने सुप्रीम कोर्ट में उनके फ़ैसले को चुनौती दी. सुप्रीम कोर्ट में भाजपा की तरफ से मुकुल रोहतगी और कांग्रेस-जेडीएस की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी.
अब शनिवार को कर्नाटक विधानसभा में होने वाले शक्ति परीक्षण पर सबकी निगाहें टिक गई हैं. भाजपा के पास कर्नाटक में 104 सीटें हैं. इस बीच राज्यपाल ने बीजेपी विधायक केजी बोपैया को प्रोटेम स्पीकर के तौर पर नियुक्त किया है और सुबह 11 बजे कर्नाटक विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है.
मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि वो सदन में बहुमत साबित करेंगे.