प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सूरत के हजीरा में एलएंडटी आर्म्ड सिस्टम कॉम्प्लेक्स राष्ट्र को समर्पित किया. प्रधानमंत्री ने एक युद्धक वाहन में सवारी की और कई निर्माणाधीन उन्नत हथियारों की प्रगति की जानकारी भी ली.
भारतीय रक्षा तकनीक विकसित करना और रक्षा सामग्रियों का विनिर्माण देश में करना ही मकसद है प्रधानमंत्री मोदी का. ऐसी ही एक इकाई को देश के नाम समर्पित किया प्रधानमंत्री मोदी ने. हज़ीरा-सूरत में बना ये संयंत्र पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत रक्षा ज़रूरतों को पूरा करने पर काम कर रहा है.
प्रधानमंत्री ने के9 वज्र-टी सेल्फ-प्रोपेल्ड हॉईजर गन सिस्टम की क्षमताओं को देखा. इसी अत्याधुनिक युद्धक वाहन पर प्रधानमंत्री ने खुद सवारी की. हज़ीरा साल 2017 में एलएंडटी को 45 सौ करोड़ का अनुबंध 100 यूनिट के9 वज्र-टी सेल्फ-प्रोपेल्ड हॉईजर गन सिस्टम सप्लाई करने का मिला था. 42 महीनों में इन्हें पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
प्रधानमंत्री ने रक्षा मंत्री सीतारमण के साथ संयंत्र का निरीक्षण किया. इस संयंत्र में बनने वाले हथियार और वाहन 2014 में देश में विनिर्माण को बढ़ावा देने के मकसद से लॉन्च हुई मेक इन इंडिया पॉलिसी का ही हिस्सा है. इस रक्षा और आयुध निर्माण परिसर में भविष्य की चुनौतियों के मद्देनज़र सेल्फ-प्रोपेल्ड हॉईजर, युद्धक वाहन और युद्धक टैंक भी बनाए जाने हैं.
रक्षा और आयुध निर्माण को बढ़ावा देने के लिए देश का कुल रक्षा बजट 2 लाख 95 हज़ार करोड़ रुपये का 2018-19 के लिए रखा गया है. ये रक्षा बजट 2018-19 के केंद्रीय सरकार के कुल ख़र्च का 12 फीसदी है.
मौजूदा सरकार ने रक्षा विनिर्माण को देखते हुए 2016 में रक्षा खरीदी प्रक्रिया का पुनरावलोकन किया. इसकी बदौलत घरेलू रक्षा आयुध विनिर्माण उद्योग का तेज़ी से विकास हो रहा है. देश में अब रक्षा विनिर्माण के साथ मझोले और छोटी औद्योगिक इकाइयां जुड़ रही हैं.
हजीरा में ही एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने नवसारी में कैंसर अस्पताल की आधारशिला रखी. इस अस्पताल से दक्षिण गुजरात और पड़ोसी राज्यों के कैंसर मरीजों को इलाज की सुविधा मिलेगी.