चंडीगढ़, 1 अक्तूबर- हरियाणा सरकार ने श्रेणी-1 या श्रेणी-2 के अधिकारी, जो शहीद या युद्ध में मृत्यु को प्राप्त हुए हैं, केआश्रितों या परिजनों को श्रेणी-2 में नौकरी प्रदान करने का निर्णय लिया है।
एक सरकारी प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि इससे पूर्व हरियाणा अधिवासी और सीमा पर मुठभेड़, आतंकी हमलों या दंगों में मृत्यु को प्राप्त हुए सशस्त्र बलों एवं अर्धसैन्यबलों के कर्मियों के एक पात्र जीवित पति या पत्नी या आश्रित बच्चों को अनुकंपा आधार पर फीडर काडर में श्रेणी-3 और श्रेणी-4 के पदों पर नियुक्ति देने के अलावा शोक संतप्त परिवार को अन्य वित्तीय लाभ दिए जाते थे।
उन्होंने बताया कि अब सरकार ने निर्णय लिया है कि संबंधित पद के लिए भर्ती नियमों में निर्धारित प्रावधानों, पात्रता मानदंडों और शैक्षणिक योग्यता को ध्यान में रखते हुए परिवार के पात्र सदस्यों का श्रेणी-2, 3 या 4 के पदों, जैसा भी मामला हो, पर सीधी भर्ती करने पर विचार किया जाएगा। हालांकि, आवेदक केवल ऐसे मामलों में ही श्रेणी-2 की नौकरी प्राप्त करने के पात्र होंगे जहां शहीद या युद्ध में मृत्यु को प्राप्त सैनिक श्रेणी-1 या 2 का अधिकारी रहा हो।
उन्होंने बताया कि श्रेणी- 2, 3 और 4 के पदों में अनुकंपा आधार पर नियुक्ति के लिए निर्धारित की गई अन्य शर्तों के अनुसार हरियाणा के अधिवासी शहीद या युद्ध में मृत्यु को प्राप्त हुए सैनिकों के परिवार के एक पात्र व्यक्ति को अनुकंपा आधार पर नौकरी देने पर विचार किया जाएगा और श्रेणी- 2, 3 और 4 के पदों पर अनुकंपा आधार पर नियुक्ति देने की नीति के अनुसार शहीद का आश्रित पुत्र, पुत्री (विवाहित या अविवाहित) अथवा पति या पत्नी या भाई या कानूनी रूप से गोद लिया गया पुत्र या पुत्री शामिल हैं, बशर्ते ऐसे पुत्र या पुत्री को शहीद या युद्ध के दौरान मृत्यु को प्राप्त सैनिक के जीवित रहते गोद लिया गया हो। शहीद या युद्ध में मृत्यु को प्राप्त हुए सैनिक के पात्र आश्रित या परिवारजन के लिए उसके निकटतम संबंधी द्वारा दी गई वरीयता के अनुसार ही विचार किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि यदि शहीद या युद्ध के दौरान मृत्यु को प्राप्त सैनिक के परिवार के एक या एक से अधिक सदस्यों के सेवा में होने के बावजूद भी अनुकंपा आधार पर नौकरी देने पर विचार किया जाएगा। मंत्रिमंडल की पूर्व स्वीकृति से ही आयु (अनुसूचित जाति या पिछड़े वर्गों के लिए 5 वर्ष की छूट के साथ 18-42 वर्ष) तथा समय सीमा (इस नीति के लागू होने की तिथि से तीन वर्ष पहले) में ढील दी जाएगी।
शहीद या युद्ध के दौरान मृत्यु को प्राप्त सैनिक के आश्रित को नौकरी के लिए शहादत की तीन वर्ष की अवधि के भीतर संबंधित उपायुक्त को आग्रह करना होगा। यदि शहीद का कोई भी पुत्र या पुत्री व्यस्क नहीं है तो ऐसी स्थिति में यह समय सीमा उसके बड़े पुत्र या पुत्री, जैसा भी मामला हो, के 18 वर्ष की आयु पूरी होने पर लागू होगी। उपायुक्त द्वारा प्राप्त आग्रह को उचित कार्यवाही के लिए सैनिक एवं अर्ध-सैनिक कल्याण विभाग को भेजा जाएगा।
जिला सैनिक कल्याण अधिकारी द्वारा आवेदक के दस्तोवजों की जांच के दौरान यह देखा जाएगा कि शहीद या युद्घ में मृत्यु को प्राप्त सैनिक हरियाणा अधिवासी है या नहीं और शहीद/युद्घ में मृत्यु को प्राप्त सैनिक (सीमा पर मुठभेड़, आतंकी हमलों या दंगों में मृत्यु को प्राप्त) को संबंधित संगठन द्वारा शहीद या युद्घ में मृत्यु को प्राप्त हुआ घोषित किया गया है या नहीं। इसके अतिरिक्त, आवेदक की आयु एवं शैक्षणिक योग्यता, निकटतम संबंधी से प्राप्त अनापत्ति प्रमाणपत्र की भी जांच की जाएगी और आवेदनों को उपायुक्त को भेजा जाएगा।
पदों की उपलब्धता और अविलम्ब नियुक्ति सुनिश्चित करने के लिए संबंधित उपायुक्त मामले की सिफारिश करने से पूर्व रिक्तियों का पता लगाएगा और नियुक्ति प्राधिकारी के साथ तालमेल स्थापित करेगा। केवल सीधी भर्ती कोटा पदों पर ही नौकरी देने पर विचार किया जाएगा। जिन लोगों को नौकरी दी जा चुकी है, उन मामलों पर पुन: विचार नहीं किया जाएगा।