सभी लोगों को कम कीमत पर दवाइयां उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता जताते हुए सरकार ने कहा कि उसकी योजना देश भर में 3 हज़ार जन औषधि स्टोर खोलने की है तथा वह फार्मा विपणन पद्धतियों के लिए समान संहिता (यूनिफोर्म कोड) तैयार करने पर विचार कर रही है।
रसायन एवं उवर्रक मंत्री अनंत कुमार ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के तहत देश भर में खोले जाने वाले जन औषधी स्टोर्स के लिए इस साल के बजट में 3700 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया हैं। इस साल देश भर में अब तक 250 से ज्यादा जन औषधि स्टोर खोले जा चुके हैं।
अनंत कुमार ने कहा कि लोगों को वहनीय कीमत पर जेनेरिक दवाइयां मुहैया कराने के लिए जन औषधि स्टोर की योजना 2008 में शुरू की गई थी लेकिन इसके तहत 2014 तक करीब ऐसे 100 स्टोर ही शुरू हो सके। उन्होंने कहा कि इस साल अब तक 250 से ज्यादा स्टोर शुरू किए जा चुके हैं जिससे ऐसे स्टोरों की कुल संख्या 350 हो गई है।
सरकार ने दवाइयां तैयार करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों को बंद किए जाने की आशंका को खारिज करते हुए कहा कि सरकार का इरादा सभी ऐसी इकाइयों को चालू रखने का है। उन्होंने कहा कि सरकार इन इकाइयों की क्षमता बढ़ाने के लिए कदम उठा रही है जिससे आने वाले समय में ये इकाइयां लाभ कमाने की स्थिति में आ जाएंगी।