जम्मू-कश्मीर के उरी में हुए हमले का पाकिस्तान को जवाब दिया जाएगा। भारतीय सेना ने साफ़ कर दिया है कि पाकिस्तान को करारा जवाब दिया जाएगा और इस हमले की जगह और समय भारतीय सेना तय करेगी।
उरी हमले के बाद सोमवार को दिनभर चली बैठकों के दौर के बाद सेना ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने का ऐलान किया।
इससे पहले प्रधानमंत्री ने अपने वरिष्ठ मंत्रियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। इस बैठक में प्रधानमंत्री को हालत की जानकारी दी गई और साथ ही पाकिस्तान के ख़िलाफ़ क्या कार्रवाई की जाए इसको लेकर तमाम संभवानाओं पर विचार-विमर्श का दौर चला।
उच्च स्तरीय में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, वित्त मंत्री अरुण जेटली, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा और सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह के अलावा कई वरिष्ठ अधिकारियों ने इस बैठक में हिस्सा लिया।
वरिष्ठ मंत्रियों और शीर्ष अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को जम्मू-कश्मीर में मौजूदा ज़मीनी हालात की जानकारी दी तो हमले के बाद सुरक्षा को लेकर उठाए गए कदमों के बारे में भी उन्हें अवगत कराया गया। खासतौर से नियंत्रण रेखा और भीतरी इलाकों में सुरक्षा घेरे के बारे में पीएम को जानकारी दी गई।
इससे पहले सुबह रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने अलग से भी प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात कर उन्हें राज्य की स्थिति और सुरक्षा उपायों से अवगत कराया। रक्षा मंत्री और सेना प्रमुख ने उरी के आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में रविवार को जम्मू-कश्मीर का दौरा किया था।
सेना ने शुरुआती जांच के बाद कहा था कि इस पूरे हमले को पाकिस्तान से आए जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने अंजाम दिया था। हालांकि पाकिस्तान अपना हाथ होने से इंकार कर रहा है। लेकिन गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू का कहना है कि पाकिस्तान के नकारने से कुछ नहीं होगा, क्योंकि उनके ख़िलाफ़ हमारे पास पर्याप्त सबूत हैं।
पीएम मोदी द्वारा बुलाई गई बैठक से पहले सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी एक बैठक बुलाई, जिसमें रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, सेना प्रमुख, सैन्य ऑपरेशंस के महानिदेशक सहित देश के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
बैठक में शीर्ष अधिकारियों और खुफिया एजेंसियों के प्रमुखों ने पाकिस्तान से लगी सीमा पर हालिया स्थिति के बारे में जानकारी दी। साथ ही आतंकी हमले से उपजी नई चुनौतियों से निपटने की संभावित रणनीतियों पर भी बैठक में चर्चा हुई।
बैठक में सभी सुरक्षा एजेंसियों के बीच पूरे तालमेल और खुफिया जानकारी साझा करने के महत्वन को दोहराया गया, ताकि क्षेत्र में शांति सुनिश्चित की जा सके और साथ ही आतंकवादियों और अन्यक विरोधी ताकतों को लोगों को डराने से रोका जा सके। बैठक में नियंत्रण रेखा और भीतरी इलाकों में निगरानी बढ़ाने और किसी अप्रिय घटना से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहने की आवश्यमकता पर जोर भी दिया गया।
देश पर हुए हमले की देश और दुनिया में हर जगह निंदा हो रही है और सरकार भी हालात की लगातार समीक्षा कर रही है। पीएम मोदी ने कल ही देश को भरोसा दे दिया था कि हमलावरों को सज़ा ज़रूर मिलेगी। सरकार और सेना रणनीति बनाने में लगे हैं ताकि दुश्मन दोबारा ऐसी हरकत न कर सके।