देश के भीतर रखे कालेधन को कर दायरे में लाने के लिये शुरू की गई आय घोषणा योजना के तहत कुल 65,250 करोड़ रपये की संपत्ति की घोषणा की गई। इसमें कर और जुर्माने के तौर पर सरकार को 45 प्रतिशत राशि मिलेगी।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि योजना चार माह के लिये खुली थी जो कि 30 सितंबर को समाप्त हो गई। सरकार ने इस योजना के जरिये अवैध आय और संपत्ति रखने वालों को इसकी घोषणा करने के बाद कर और जुर्माना चुकाकर पाक साफ होने का मौका दिया था।
लंबे इंतजार के बाद आय घोषणा योजना के बंद होने के बाद सामने आए नतीजों को सरकार ने जारी कर दिया। करीब चार महीने पहले शुरू की गई इस योजना से 65,250 करोड़ रुपए सरकार के पास आए हैं, जिसमें अंतिम गणना के बाद इजाफा हो सकता है।
अब तक आए नतीजों के मुताबिक इस योजना के तहत 64,275 करोड़ लोगों ने अपनी आय की घोषणा की है और ये आंकड़ा भी आगे बढ़ सकता है। योजना के अब तक के आए नतीजों की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बताया कि ये अभी संभावित हैं और पूरी जानकारी बाद में दी जाएगी। सरकार का यह क्रांतिकारी योजना काले धन के इस्तेमाल पर नकेल के रुप में देखी जा रही है।
वित्त मंत्री ने बताया कि योजना से की गई आय भारत की संचित निधि में जाएगी और इसका इस्तेमाल लोगों के कल्याण के लिए किया जाएगा। वित्त मंत्री ने बताया कि HSBC की लिस्ट से तकरीबन 8,000 करोड़ रुपयों का कर मूल्यांकन पूरा हो गया है।
घरेलू स्तर पर रखे गये कालेधन के बारे में सरकार को जानकारी देने की स्वैच्छिक आय घोषणा योजना चार माह के लिये खुली थी।
इसकी अवधि 30 सितंबर को समाप्त खत्म हो गई। योजना के तहत कालेधन की घोषणा करने वालों को उस संपत्ति पर कर और जुर्माने के तौर पर 45 प्रतिशत कर देना है।
प्रधानमंत्री मोदी ने भी ट्विट कर आईडीएस स्कीम का फायदा उठाने वाले लोगों की प्रशंसा की है।