अमेरिकी दौरे में इमरान खान ने कुबूला सच, एक कार्यक्रम में माना पिछले 15 सालों में उनके देश में सक्रिय थे 40 आतंकवादी संगठन, अमेरिका को नही दी गयी जानकारी, पाकिस्तान में ट्रेनिंग पाए 30 से 40 हज़ार आतंकी अफगानिस्तान और कश्मीर में भेजने की बात मानी.
आतंकवाद के मसले पर दशको से झूठ बोलते आ रहे पाकिस्तान ने आखिरकार ये कबूल कर लिया है कि उसकी सरजमीं पर आतंकी पल रहे है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने खुद इस बात को कुबूल किया है. तो वही अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के बयान के बाद सरकार ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि कश्मीर मसले पर किसी भी देश की मध्यस्तता का सवाल ही नही उठता है और पाकिस्तान से भी जब कभी भी द्दिपक्षीय बात होगी तो पाक अधिकृत पाकिस्तान पर बात होगी न कि कश्मीर पर।
कश्मीर पर ट्रंप के बयान पर लोकसभा में विपक्ष के लगातार दूसरे दिन हंगामे के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फिर से स्पष्ट किया कि कश्मीर देश के राष्ट्रीय स्वाभिमान से जुड़ा विषय है और इस पर किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता का प्रश्न ही नहीं उठता। उन्होंने कहा कि जून के महीने में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच वार्ता हुई थी इसमें कश्मीर मुद्दे पर कोई बातचीत नहीं हुई थी। रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान से अगर बातचीत होगी तो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पर भी होगी।
एक तरफ जहां कश्मीर और पाकिस्तान पर संसद में हंगामा मचा हैं तो वहीं दूसरी ओर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने देश की धरती पर लंबे समय से आतंकी शिविरों के मौजूद होने की बात कबूल कर ली है। अमेरिकी दौरे पर गए इमरान खान ने कांग्रेसनल पाकिस्तान कॉकस की अध्यक्ष शीला जैक्सन ली द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में ये बात मानी की उनके देश में 40 अलग-अलग आतंकवादी समूह सक्रिय थे।
इमरान खान ने कहा, ”पाकिस्तान में 40 अलग-अलग आतंकवादी समूह सक्रिय थे। पाकिस्तान ऐसे दौर से गुजरा है जहां हमारे जैसे लोग चिंतित थे कि क्या हम इससे सुरक्षित निकल पाएंगे। इसलिए जब अमेरिका हमसे और करने और अमेरिका की लड़ाई को जीतने में हमारी मदद की आशा कर रहा था उसी वक्त पाकिस्तान अपना अस्तित्व बचाने के लिए लड़ रहा था।” ”हम आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका की लड़ाई लड़ रहे थे। पाकिस्तान का 9/11 से कुछ लेना-देना नहीं था। अल-कायदा अफगानिस्तान में था। पाकिस्तान में कोई तालिबानी आतंकवाद नहीं था। लेकिन हम अमेरिका की लड़ाई में शामिल हुए। दुर्भाग्यवश जब चीजें गलत हुई तो हमने अमेरिका को कभी जमीनी हकीकत से वाकिफ नहीं कराया। इसके लिए मैं अपनी सरकार को जिम्मेदार ठहराता हूं।”
गौरतलब है कि भारत लगातार ये कहता रहा है कि पाकिस्तान की
धरती पर आतंकी शिविर लंबे समय से चल रहे हैं और वहां से भारत के खिलाफ
आतंकवादी गतिविधियां चल रही हैं। भारत ने पाकिस्तान को हमेशा से सबूत दिए
लेकिन उसने आतंकी शिविरों की बात कबूल नहीं की। हालांकि अब इमरान खान ये
बात मान ली है। भारत अब भी पाक पर भरोसा करने को तैयार नहीं है।
तमाम सुरक्षा मामलों के जानकार भी इसे केवल दिखावा करार दे रहे हैं।
पाक के बयानों पर विश्वास न करने का कारण ये है कि हमारा पडोसी देश बातें तो बहुत करता है लेकिन कार्रवाई नहीं करता है । इस बात के लिए अमेरिका भी पाक को लगातार लताड़ लगाता रहता है। अपनी अमेरिका यात्रा से पहले दिखावे के लिए पाक ने आतंकी सरगना हाफिज को गिरफ्तार कर लिया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कह चुके हैं कि अमेरिका ने पाकिस्तान को बहुत ज्यादा आर्थिक मदद दी लेकिन उसने बदले में झूठ और छल के सिवाय कुछ नहीं दिया। ऐसे में देखना ये होगा कि क्या आने वाले दिनों में आतंक के खिलाफ कार्रवाई पर पाक की ओर से कुछ ठोस कदम उठाए जाते हैं या नहीं।