चंडीगढ़ : उत्तर भारत में लोहड़ी का पर्व लोगों ने बहुत ही धूमधाम से मनाया, शाम 7:00 बजे से ही पूरे उत्तर भारत के हर शहर में और हर गांव के चौराहों पर लोग एकत्रित होकर लकड़ियां इकठा कर और अग्नि प्रज्वलित कर विधिवत तरीके से पूजा पाठ करने के बाद नाच गाने के साथ लोहड़ी का पर्व मनातेे हुए दिखे
77 साल की बुजुर्ग श्री अम्बादत्त जी ने बताया कि आज लोहड़ी का पर्व उस उत्साह से नहीं मनाया जा रहा जैसे कि आज से 20 साल पहले तक मनाया जाता था उन्हें दुख है कि उनके पोते पोतियो आज पड़ोस में एक दूसरे के घर जाकर लोहड़ी नहीं मना रहे , चिंता व्यक्त करते हुए वह बोले “कहीं ऐसा ना हो लोहड़ी का त्यौहार धीरे-धीरे और मंदा पड़ जाए इसके लिए हर समाजिक संस्था को आगे आना चाहिए ताकि वह हमारे त्योहारों को बचा सके और बच्चों में यह संस्कार बाहर सकें कि इन त्योहारों का क्या महत्व होता है
लोहड़ी आज पुरे भारत में मनाया जाने लगा है पर पंजाब व् हरयाणा राज्य का यह एक प्रसिद्ध त्यौहार है, अब यह दिल्ली, हिमाचल प्रदेश में भी धूम धाम से मनाया जाता है पर पंजाब के लोगों के लिए यह त्यौहार बहुत ही महत्वपूर्ण होता है और हर जगह हर्ष और उल्लास से भरा होता है।
एक मान्यता के अनुसार लोहड़ी सर्दियों के मौसम का अंत दर्शाता है। इसलिए यह एक मौसमी त्यौहार है जो शीत ऋतू के जाने पर मकर संक्रांति के समय मनाया जाता है। दुल्ला भट्टी से भी इस त्यौहार को जोड़ा जाता है एक लोक कथा के अनुसार अकबर के काल में पिंडी भटियन का एक राजा था दुल्ला भट्टी , वह एक लुटेरा था पर उसने बहुत सारी लड़कियों को गुलाम बाज़ार या दास बाज़ार से अपहरण किये हुए लोगों से बचाया था जो की एक महान बात थी।
इसके कारण लोहड़ी के त्यौहार में लोग दुल्ला भट्टी पर आभार व्यक्त करते हैं और उनका नाम पंजाब की लोक कथाओं में व्यापक रूप से वर्णित है। ज्यादातर लोहड़ी के गीत दुल्ला भट्टी के अच्छे कर्मों में आधारित है।
लोहड़ी पारंपरिक गीत
सुंदर मुंदरिये, होए Sunder mundariye, Hoye
तेरा की विचारा, होए Tera ki vichara, Hoye
दुल्ला भट्टी वाला, होए Dulla bhatti vala, Hoye
दुल्ले दी धी वियाई, होए Dulle di dhi viyai, Hoy!
सेर शकर पाई, होए Ser shaker pai, Hoye
यह त्यौहार के दिन तरह-तरह के अनाज जैसे तिल की मिठाई, पॉपकॉर्न, मूंगफल्ली, और मुरमुरे को अग्नि में भेट चढ़ाया जाता है। साथ ही उस अग्नि के चारों और प्रार्थना करते हुए सभी लोग इन अनाज को अग्नि में फैंक कर भेंट करते हैं। नवजात शिशु या नव विवाहित लोगों के लिए यह दिन बहुत ही मायने रखता है। वे इस दिन को बहुत ही अच्छे और पूजा के साथ इस दिन को मनाते हैं। आज पुरे पंजाब लड़कियों की लोहड़ी बड़े ही धूम धाम से मनाई जाती है