विवेक आर्य : एक नेता जी की बीवी का rape हो रहा था तो वो नेता जी भागकर अंदर गए और चरखा उठा लाये और चलाने लगे, बीवी को गुस्सा आया और वो चिल्लाई
तुम पागल हो क्या ये गुंडा मेरा rape कर रहा है और तुम चरखा चला रहे हो???
तो पति बोला चरखे से तो अंग्रेज भाग गए फिर ये किस खेत की मूली है ये भी भाग जाएगा
ये कहकर नेता जी चरखा और जोर से चलाने लगे
जब तक वो गुंडा उस नारी के साथ और ज्यादा बदतमीजी करता रहा
बीवी रोती हुई गुस्से में पति से बोली छोडो ये चरखा और pls मुझे बचाओ
ये सुनकर पति ने चरखा side में पटका और
उठकर बलात्कारी के निकट गया और पूरी विनम्रता से बोला
मेरी पत्नी को छोड़ दीजिये
इतना सुनते ही उस गुंडे ने पति के एक खेंचके झाँपट मार दिया
तो पति ने दूसरा गाल आगे कर दिया और फिर बोला pls मेरी बीवी को छोड़ दीजिये
उस गुंडे ने दूसरे गाल पे भी एक कसके झाँपट मार दिया
पति बेहोश हो गया
इतने में एक भगत सिंह नाम का वीर वंहा से गुजरा उसने जब चीख पुकार सुनी तो वो अंदर गया और उस महिला को बचाने के लिए गुंडे से भिड़ गया और आखिर में उस गुंडे को भगा दिया
उस औरत ने भगत सिंह को धन्यवाद दिया और वो शेर चुपचाप वंहा से निकल पाता
उससे पहले ही शोर सुनकर पुलिस वंहा पहुंची तो पत्नी ने सारा क्रेडिट अपने
पति को दे दिया और दोनों लाल गाल बहादुरी के सबूत के आधार पे पति ने दिखा
दिए
पुलिस ने उस पति को वीरता चक्र दिया
और भगत सिंह को पकड़ के गुंडा गर्दी करने के आरोप में जेल में डाल दिया
इस घटना का भारतीय स्वाधीनता संग्राम से कोई लेना देना नही है