राज्यसभा ने आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए लाया विधेयक किया पास
गरीब स्वर्ण समाज को दस प्रतिशत आरक्षण बिल पास कराने पर बीकानेर ब्राह्मण समाज द्वारा मनाई खुशियां… जलाये दीप और चलाये पटाखे, फुलझड़ियां, अनार…
भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा स्वर्ण समाज के लिए दस प्रतिशत आरक्षण बिल लाकर लोकसभा एवं राज्यसभा में पारित किये जाने पर बीकानेर ब्राह्मण समाज द्वारा पब्लिक पार्क स्थित भगवान परशुराम सर्किल में दीप जलाकर, पटाखे, चक्करी, अनार तथा फुलझड़ियां जलाकर खुशियां मनाई गई।
बीकानेर ब्राह्मण समाज के संभागीय संयोजक के के शर्मा ने बताया कि ब्राह्मण समाज द्वारा गरीब स्वर्ण समाज को आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की मांग लम्बे समय से की जाती रही है। आजादी के बाद पहली बार स्वर्ण समाज भारतीय नागरिकता का दर्जा महसूस कर रहे हैं। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी के नेतृत्व में भाजपा की केन्द्रीय सरकार द्वारा संविधान में संशोधन करते हुए यह बिल पास करवाया गया है जिसके लिए ब्राह्मण समाज द्वारा खुशियां मनाते हुए प्रधानमंत्री का आभार जताया गया।
अंतरराष्ट्रीय ब्राह्मण फैडरेशन आईबीएफ की महिला मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष सविता गौड़ ने कहा कि इससे स्वर्ण समाज के लाखों करोड़ों महिलाओं युवाओं को रोजगार तथा शिक्षा सहित लाभ मिलेगा।
गौतम नारायण सेना अध्यक्ष गणेश पाणेचा ने कहा कि इससे सामाजिक समरसता को बढ़ावा मिलेगा। विप्र फाउंडेशन के मुक्सा सारस्वत ने कहा कि सभी समाजों को बराबरी का दर्जा प्राप्त होगा तथापि सबका साथ सबका विकास करने के समान अवसर प्राप्त होंगे।
दीप प्रज्वलन, पटाखे, फुलझड़ियां जलाने तथा खुशी व्यक्त करने वालों में सप्तऋषि मंडल के कृष्ण कुमार शर्मा, श्री सर्व ब्राह्मण महासभा की शोभा सारस्वत, युवा देहात अध्यक्ष महादेव शर्मा, मुकुल आचार्य, सरस वेलफेयर सोसाइटी महामंत्री गजानंद सारस्वत कपुरीसर, विप्र फाउंडेशन के आइटी प्रदेशाध्यक्ष दिनेश ओझा, गौड़ सनाढय फाउंडेशन युवा जिलाध्यक्ष दिनेश शर्मा, महेन्द्र सारस्वत बींझासर, पंडित रामदेव जोशी, मास्टर हीरालाल सारस्वत, डाॅ देवेन्द्र भारद्वाज, विशाल शर्मा, सारस्वत महासभा युवा प्रकोष्ठ शहर महामंत्री मुकेश सारस्वत, संस्कृत महाविद्यालय पुर्व छात्रसंघ अध्यक्ष जयदेव शर्मा, अंतरराष्ट्रीय ब्राह्मण फैडरेशन महिला जिलाध्यक्ष मोनिका शर्मा, सुरभि पांडे, सुमन शर्मा, पंडित रमेश भार्गव, लक्ष्मण उपाध्याय, वीरेन्द्र शर्मा, राजीव जोशी, भारतेन्दु गौड़, भैरुं सिंह राजपुरोहित, मनीष गौड़, गौरीशंकर शर्मा तथा रायविशाल शर्मा सहित बड़ी संख्या में ब्राह्मण समाज के गणमान्य लोग उपस्थित हुए।
सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए लाया गया संविधान (124वां संशोधन) विधेयक राज्यसभा से पास हो गया । यह विधेयक लोकसभा में मंगलवार को ही पारित हो चुका है।
सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को शिक्षा एवं रोजगार में 10 प्रतिशत आरक्षण देने के प्रावधान वाले ऐतिहासिक संविधान संशोधन विधेयक को संसद की मंजूरी मिल गयी। राज्यसभा ने करीब 10 घंटे तक चली बैठक के बाद संविधान 124 वां संशोधन 2019 विधेयक को सात के मुकाबले 165 मतों से मंजूरी दे दी। इससे पहले सदन ने विपक्ष द्वारा लाए गए संशोधनों को मत विभाजन के बाद नामंजूर कर दिया।
लोकसभा ने इस विधेयक को मंगलवार को ही मंजूरी दी थी जहां मतदान में तीन सदस्यों ने इसके विरोध में मत दिया था। उच्च सदन में विपक्ष सहित लगभग सभी दलों ने इस विधेयक का समर्थन किया। कुछ विपक्षी दलों ने इस विधेयक को लोकसभा चुनाव से कुछ पहले लाये जाने को लेकर सरकार की मंशा तथा इस विधेयक के न्यायिक समीक्षा में टिक पाने को लेकर आशंका जतायी। हालांकि सरकार ने दावा किया कि कानून बनने के बाद यह न्यायिक समीक्षा की अग्निपरीक्षा में भी खरा उतरेगा क्योंकि इसे संविधान संशोधन के जरिये लाया गया है।
आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों को शिक्षा एवं रोजगार में 10 प्रतिशत आरक्षण देने संबंधी संविधान संशोधन विधेयक को बुधवार को चर्चा एवं पारित कराने के लिए राज्यसभा में पेश किया किया गया । सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच 124वां संविधान संशोधन विधेयक 2019 सदन में रखा। गहलोत ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि इस विधेयक से समाज के बड़े वर्ग को लाभ मिलेगा।
10 फीसदी का ये आरक्षण मौजूदा 49.5 प्रतिशत आरक्षण से अलग होगा। आरक्षण आर्थिक रूप से पिछड़े ऐसे गरीब लोगों को दिया जाएगा जिन्हें अभी मौजूदा आरक्षण व्यवस्था के तहत फायदा नहीं मिल रहा है। फैसले को लागू करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में नए उपबंध जो़ड़े जा रहे हैं ।
संविधान संशोधन विधेयक पर राज्यसभा में बुधवार को हुई चर्चा में विभिन्न दलों के सदस्यों ने इसका समर्थन किया। हालांकि कुछ दलों ने विधेयक के समय पर सवाल उठाए ।
लोकसभा इस विधेयक को मंगलवार को पारित कर चुकी है। इस विधेयक को उच्च सदन में पारित करने के लिए इसकी बैठक को एक दिन के लिए बढ़ाया गया है। राज्यसभा के बाद इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा और मंजूरी मिलने के बाद ये कानून लागू हो जाएगा ।
केंद्र सरकार सबका साथ सबका विकास की बात करती रही है और उसका ये फैसला समाज के हर वर्ग के विकास की उसकी प्रतिबद्धता को दिखाता है ।