वित्तमंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा में वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम संशोधन विधेयक पेश कर दिया है। सदन में इस पर चर्चा चल रही है। सरकार को इस बिल के पारित होने की उम्मीद है।
केन्द्रीय वित्तमंत्री ने अप्रत्यक्ष कर के इतिहास में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को महत्वपूर्ण सुधार बताते हुए कहा कि इसके लागू होने पर पूरा देश एक बाजार बन जाएगा और वस्तुओं की आवाजाही सुगम होने के साथ ही अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
अरुण जेटली ने बहुप्रतीक्षित जीएसटी को लागू करने के लिए आवश्यक संविधान संशोधन विधेयक को राज्यसभा में चर्चा के लिए पेश करते हुये कहा कि इस सुधार पर पिछले 15 वर्षाें से चर्चा चल रही है।
बता दें कि काफी समय से जीएसटी का विरोध कर रही विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी इसे अपनी मंजूरी दे दी है वहीं लेफ्ट ने भी इस पर अपना रुख नरम कर लिया है ।
दरअसल केंद्र सरकार ने कांग्रेस के सुझावों को स्वीकार करते हुए हाल ही में कैबिनेट की बैठक में संविधान संशोधन विधेयक के संशोधित मसौदे को मंजूरी दे थी। राज्यसभा में जो संशोधित मसौदा जारी किया गया है उसके मुताबिक राज्यों को एक फीसदी अतिरिक्त कर लगाने संबंधी प्रावधान हटा लिया गया है। जीएसटी लागू होने के पहले पांच साल के दौरान राज्यों को राजस्व नुकसान की भरपाई की गारंटी दी गयी है जीएसटी लागू होने पर केंद्र और राज्यों के बीच विवाद की सूरत में जीएसटी परिषद मामले के समाधान के लिए प्रणाली बनाएगी ।
हालांकि जीएसटी की दर को फिक्स करके संविधान में इसका उल्लेख करने के मसले पर संशोधित मसौदे में कुछ नहीं कहा गया है। बदलावों के साथ ही वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लगातार बैठकें करके तमाम दलो के बीच आम सहमति बनायी जिससे बिल के दो तिहाई समर्थन से पास होने की उम्मीद बढ गयी है।
जीएसटी लागू होने के बाद पूरे देश में टैक्स की एक दर होगी। फिलहाल देश में गुड्स और सर्विसेज़ के लिए अदा किए जाने वाले टैक्स की दरें अलग-अलग हैं। सर्विसेज़ के लिए टैक्स की दर 14 फ़ीसदी है जबकि गुड्स के लिए टैक्स की दर अलग-अलग राज्यो में अलग अलग है। जीएसटी कानून बनने से असर ये होगा कि अब तक जो 30 से 35% टैक्स देते हैं, वह 17 से 18% हो जाएगा जिससे चीजें सस्ती हो जाएंगी।
कुल मिलाकर 245 सदस्यीय राज्यसभा में फिलहाल जीएसटी के पक्ष में माहौल बनता नज़र आ रहा है। जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक को संसद में दो तिहाई बहुमत से पारित करने के बाद 29 में से आधे राज्यो से भी पास कराना होगा तब जाकर ये कानून अमल में आएगा।