गुरुवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद कारोबारियों के साथ ही आम लोगों के लिए भी राहत का एलान किया गया. कारोबारियों के लिए जहां फॉर्म भरना आसान किया जा रहा है, वहीं 29 सामानों और 53 सर्विस कैटेगरी के लिए जीएसटी के रेट कम किए गए हैं. जिन चीजों पर रेट कम होंगे उनमें टेलरिंग सेवाएं, आरडब्लूए की सेवाएं तथा डॉयमंड और कीमती धातुएं शामिल हैं.
एक फरवरी को पेश होने वाले बजट से पहले देश के लोगों को सरकार ने एक और तोहफा दिया है. दिल्ली में हुई जीएसटी काउंसिल की 25वीं बैठक में केंद्र और राज्यों के वित्त मंत्रियों ने दिनभर जीएसटी के तमाम मसलों पर चर्चा की और अंत में कारोबारियों के साथ ही आम लोगों के लिए भी राहत का एलान किया है. बैठक में कारोबारियों के लिए रिटर्न दाखिल करने के नियमों को थोड़ा और आसान बना दिया है. सभी तीन जीएसटी रिटर्न जल्द ही एक रिटर्न योजना में बदल दिए जाएंगे.
परिषद की बैठक में 29 सामानों और 53 सर्विस कैटेगरी के लिए जीएसटी के रेट कम किए जाने का फैसला किया गया है. ये नई दरें 25 जनवरी से लागू होंगी. खास बात ये है कि पीएम आवास योजना पर जीएसटी दर 18 से घटाकर 12 फीसदी कर दी गई है.
वित्त मंत्री ने कहा कि 15 जनवरी से ई-बे सिस्टम का ट्रायल शुरू हो गया है. एक फरवरी से इंटर स्टेट ई-बिल लोडिंग अनिवार्य हो जाएगी. बैठक में टैक्स कलेक्शन को लेकर भी चर्चा हुई. कर संग्रह को देखते हुए जीएसटी काउंसिल टैक्स चोरी रोकने के कुछ उपायों पर विचार कर रही है. कंपोजीशन स्कीम पर गंभीरता से चर्चा हुई. काउंसिल ने माना कि इस योजना से हुआ कर संग्रह चिंता का विषय है. काउंसिल का मानना है कि इसके तहत सही जानकारियां नहीं दी जा रही हैं. ट्रोल, डीजल और रियल इस्टेट जैसी अहम चीजों को जीएसटी के दायरे में लाने के प्रस्ताव पर इस बैठक में चर्चा नहीं हुई, लेकिन वित्त मंत्री ने कहा कि अगली बैठक में इस पर चर्चा हो सकती है.
दरअसल केंद्र सरकार ने 1 जुलाई, 2017 को पूरे देश में जीएसटी लागू करके ‘एक राष्ट्र, एक कर’ की संकल्पना को मूर्त रूप दिया था. दरअसल केवल जीएसटी ही नहीं ऐसे तमाम आर्थिक सुधारों से केंद्र सरकार देश को बडी आर्थिक ताकत बना रही है. ऐसी ही एक क्षेत्र है उर्जा सुरक्षा. इस दिशा में एक अहम फैसले में तेल गैस ब्लाक के लिए ओपन एक्रेज लाइसेंस कार्यक्रम के तहत पहले चरण की निविदा का ऐलान कर दिया गया है. इसके जरिये 55 तेल गैस ब्लाकों की निविदा का एलान किया गया है. जिसमें 59 हजार 282 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में तेल गैस ब्लॉकों के आवंटन के लिये निविदा जारी कर दी गई है.
बजट के जरिए भी सरकार तमाम योजनाओं का एलान कर सकती है. बजट से पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को दिल्ली में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों के साथ बैठक की. इस बैठक में बजट से संबंधित मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया. राज्यों ने वित्तीय नीतियों और बजटीय उपायों पर सुझाव दिए.