अमित तोमर देहरादून : आज सुबह whats app पर मुझे किसी ने इस व्यक्ति की तस्वीर भेजी। झूठ के इस दौर में मैंने तस्वीर पर ध्यान नही दिया और सोचा कि मुसलमानों को बदनाम करने की कोई साजिश है। कई और लोगो ने ट्वीट पर इसे साझा किया तो मेरा दिमाग ठनका और मैंने सत्यता जानने का भरसक प्रयास किया।
अन्तः यह खबर सच निकली और भारत के प्रतिष्ठित समाचार पत्र ने इसे साझा किया। तस्वीर में दिख रहा ‘करनी सेना का क्षत्रिय योद्धा’ और ‘भीम सेना का शोषित दलित युवा’ वास्तव में ना क्षत्रिय है और ना ही दलित, यह हिन्दू भी नही है अपितु दूसरे धर्म का हे जो हिन्दू एकता को तोड़ने के लिए और बदनाम करने के लिए हिन्दू बना है, ऐसा बताया जा रहा हे की यह किसी पार्टी विशेष का कार्यकर्ता है और हिंदुओं को विभाजित करने के लिए अन्य अल्पसंख्यक युवाओं के साथ हर छोटे-बड़े दंगो में देश जलाने निकलता है। कल के दंगों में राष्ट्र और विशेष रूप से सम्पूर्ण हिन्दू धर्म को जो अपूर्णीय क्षति पहुंची वो इन्ही राजनैतिक दलों के पाले हुए दलाल दंगाइयों की देन है।
हिन्दुओ को तोड़ने की साजिश हम कभी सफल नही होने देंगे। हर ऐसे दंगाई को समाज मे नँगा करेंगे ताकि हिन्दू समाज ऐसे घिनोने चेहरों से सचेत रहे। इनका मकसद स्पष्ठ है – एक और विभाजन और उसी की पटकथा लिखी जा रही है।
जागो जागो जागो रे