संसद का मौजूदा सत्र कमोबेश सुचारु रूप से चल रहा है, लेकिन मंगलवार को लोकसभा में कई महत्वपूर्ण विधायी कामकाज पूरे किए गए तो राज्यसभा में कई मुद्दों पर विपक्ष का हंगामा कार्यवाही को बाधा पहुंचाता दिखा. निचले सदन में जहां किसानों की आत्महत्या का मुद्दा प्रमुखता से सामने आया, तो वहीं राज्यसभा में दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई.
मंगलवार को लोकसभा में जहां कामकाज हुआ, तो वहीं राज्यसभा में टीएमसी और कांग्रेस सदस्यों ने हंगामा किया जिसके कारण राज्यसभा की बैठक दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई.
बात लोकसभा की करें तो सुबह प्रश्न काल के दौरान खेती पर एक सवाल के जवाब में सरकार ने कहा कि यूपीए सरकार के समय शुरू की गई 70 हजार करोड़ रुपये की कृषि ऋण माफी योजना के बाद भी किसानों की आत्महत्या के मामले सामने आए हैं. केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने कहा कि योजना के ऑडिट में भी ऐसे मामले सामने आए और यह भी सामने आया कि उन लोगों का कर्ज माफ कर दिया गया जो किसान ही नहीं थे. दोपहर बाद सदन में बजट पर चर्चा शुरू हुई और तमाम सदस्यों ने अपनी राय रखी.
बात राज्यसभा की करें तो उच्च सदन की बैठक दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई. हंगामे की वजह से उच्च सदन में शून्यकाल, प्रश्नकाल और बजट पर चर्चा शुरू नहीं हो पाई. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में संसद सत्र के दौरान उच्च सदन में मंगलवार को पहली बार हंगामे की वजह से कार्यवाही बाधित हुई. सदन में तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के निजीकरण के मुद्दे पर और कांग्रेस के सदस्यों ने कर्नाटक के राजनीतिक घटनाक्रम पर चर्चा कराने की मांग करते हुए नारेबाजी की. आसन की ओर से शांति बनाए रखने की अपील की लेकिन उसका कोई असर नहीं हुआ.
हंगामा नहीं थमने पर उपसभापति ने दोपहर दो बजकर पांच मिनट पर सदन की बैठक बुधवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. इससे पहले सुबह राज्यसभा के लिए संपन्न उप चुनाव में गुजरात से जीते भाजपा सदस्य जुगलसिंह माथुरसिंह लोखंडवाला को सदन की सदस्यता की शपथ दिलाई गई.