प्रयागराज : स्वामी रामदेव ने 2019 के कुंभ में एक ऐसी शुरुआत की जिसे युगो युगो तक भारत याद करता रहेगा उन्होंने तेरा भाई त्यागी दिगंबर अखाड़े के साधु महात्माओं से अपील की कि वह अपनी अपनी चिलम छोड़ छोड़ दें, और बहुत से साधु महात्माओं ने उनके इस आह्वान को स्वीकार किया और अपनी अपनी चल में उन्हें सौंप दी यह एक बहुत बड़े उपलब्धि है जैसा आप सभी जानते हैं हिंदू विरोधी लोग साधु महात्माओं को चिलम के साथ जोड़कर नशेड़ी भी बोल देते हैं इस मुहिम के बाद कोई भी साधु महात्माओं को नशेड़ी ना बोल पाएगा
स्वामी रामदेव जी ने भारत के महान साधु संतों और भगवान श्री राम का बताते हुए साधु से पूछा कि क्या जितने भी हमारे महान साधु संत हुए या भगवान श्रीराम हुए वह चिलम पीते थे या नहीं, उन्होंने लाल जी बाबा से पूछा अगर आप यह सिद्ध कर दो कि श्रीराम भी चिलम पीते थे तो मैं आप लोगों को हजार चिल में दान कर दूंगा इस बात से सभी साधु प्रभावित हुए और एक एक करके अपनी चिलम स्वामी रामदेव जी की झोली में डाल दी, उन्होंने सभी साधु महात्माओं का धन्यवाद व्यक्त किया कि साधु महात्माओं ने पहली अपील में ही अपनी चिलम त्याग डाली
स्वामी रामदेव ने बहुत ही प्रभावी ढंग से साधु महात्माओं से प्रश्न पूछे कि आप सभी ने परिवार छोड़ा मोह माया छोड़ी तो फिर एक चिलम के पीछे क्यों पड़ गए स्वामी जी ने जोर देते हुए कहा की पहले लोग साधु महात्माओं का मजाक उड़ाते थे कहते थे महात्मा ऐसे करते हैं वैसे करते हैं परंतु मैंने आज उन्हें जोर से ठोका है कि महात्मा त्याग तपस्या में भी रहते हैं और महात्मा रोजगार भी देते हैं , और महात्मा विदेशी कंपनियों को भी उखाड़ सकते हैं और महात्मा परोपकारी भी होते हैं, मैंने दो लाख लोगों को रोजगार दिया और बड़ी-बड़ी विदेशी कंपनियों को उनके घर वापस भेज दिया भारतीय संस्कृति का संरक्षण कर रहे हैं और युवाओं को बलवान बना रहे हैं आज मैं युवाओं का नशा चढ़ा रहा हूं और वह मुझसे पूछते हैं कि आप अपने महात्मा का नशा क्यों नहीं चला पा रहे तो आप ही बताएं उसका मैं क्या उत्तर दूं
स्वामी रामदेव जी ने साधु महात्माओं से एक और बहुत बड़ी अपील की है कि वह जात-पात को तोड़ने में भी सहयोग करें हम सब एक भारत माता की संताने हैं सब एक समान है कोई उच्च और नीच का भेद भाव ना करें हैं हम सब भारतीय हैं और हम सब ने राष्ट्र निर्माण में अपना अपना योगदान देना है हमें राम मंदिर के निर्माण के साथ देश का चरित्र का भी निर्माण करना है