कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अवमानना मामले में मुकदमे का सामना करेंगे। अपनी अपील वापस लेते हुए राहुल गांधी ने अपने वकील के जरिए अदालत को बताया कि वे एक चुनावी रैली में महात्मा गांधी की हत्या के लिए आर एस एस के खिलाफ दिये गये बयान पर कायम हैं। उच्चतम न्यायालय ने सुनवाई कर रही निचली अदालत में पेश होने से छूट देने के राहुल गांधी के अनुरोध को खारिज कर दिया।
आरएसएस के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी के मामले में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को आपराधिक मानहानि के मुकदमे का सामना करना होगा। राहुल ने कहा कि वह अपने पुराने बयान पर कायम हैं और इसमें किसी भी तरह के बदलाव की जगह निचली अदालत में ट्रायल का सामना करेंगे। पिछली सुनवाई के दौरान अपनी टिप्पणी को आरएसएस संगठन के खिलाफ न बताने के बावजूद राहुल ने इसी बात को सुप्रीम कोर्ट के आदेश में रेकॉर्ड कराने से इंकार कर दिया।
संघ कार्यकर्ता राजेश कुंटे के वकील ने कहा कि वह अपनी शिकायत तभी वापस लेंगे जब राहुल कहें कि महात्मा गांधी की हत्या के लिए न उन्होंने आरएसएस को जिम्मेदार बताया है और न ही भविष्य में बताएंगे। हालांकि राहुल ने यह शर्त मानने से इंकार कर दिया और अपनी याचिका वापस ले ली। सुप्रीम कोर्ट याचिका का निबटारा करने के बाद राहुल को निचली अदालत द्वारा जारी समन पर भिवंडी की अदालत में हाज़िर होना पड़ेगा।
शिकायतकर्ता राजेश कुंटे की ओर से कहा गया कि पिछले 60 साल से कांग्रेस, मौके दर मौके आरएसएस को गांधी जी के हत्या का दोषी बताती रही है। जब भी चुनाव आता है अल्पसंख्यक वोटों के लिए ऐसे बयान दिए जाते हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने राहुल पर सवाल उठाए, उन्होंने अपने ट्वीट में कहा ” फिर राहुल 2 सालों से अलग- अलग बहाने देकर ट्रायल से क्यों बचते रहे हैं? क्या वह सच का सामना करने से डरते हैं? वो बार-बार यू-टर्न लेते रहते हैं?”
जहां कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में राहुल के रुख को सही ठहराया तो वहीं बीजेपी राहुल के बयान को वोट बैंक की राजनीति से प्रेरित बता रही है।
राहुल गांधी के खिलाफ यह आपराधिक मानहानि का मामला 2014 के आम चुनावों के दौरान दर्ज कराया गया था। राहुल ने नें महाराष्ट्र के भिवंडी में चुनाव रैली में आरएसएस को महात्मा गांधी की हत्या से जोड़ा था जिसके बाद संघ कार्यकर्ता राजेश महादेव कुंटे ने राहुल के खिलाफ कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई थी जिस पर राहुल को समन जारी हुआ था। बांबे हाईकोर्ट से राहत न मिलने के बाद राहुल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था।