भीमा कोरेगांव मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तार कार्यकर्ताओं की नजरबंदी बढ़ा दी है. गिरफ्तार पांचों कार्यकर्ताओं को घर में 12 सितंबर तक नजरबंद रखा जाएगा. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस की प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर भी नाराजगी जताई है.
इससे पहले बुधवार को महाराष्ट्र पुलिस ने उच्चतम न्यायालय में दावा किया कि पांच कार्यकर्ताओं को असहमति के उनके दृष्टिकोण की वजह से नहीं बल्कि माओवादियों से उनके संपर्कों के बारे में ठोस सबूत के आधार पर गिरफ्तार किया गया है.
राज्य पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाया है कि ये कार्यकर्ता देश और सुरक्षाबलों के खिलाफ घात लगाकर हमला करने और हिंसा की योजना तैयार कर रहे थे.