नव वर्ष की कुछ झलकियां
ऽ भाजपा एक बार फिर कुछ गठबंधन करके बहुमत से सरकार बनाएगी।
ऽ नरेंद्र मोदी दूसरी बार प्रधान मंत्री बनेंगे ।
ऽ राहुल गांधी कुछ राज्यों में बढ़त पाएंगे परंतु प्रधान मंत्री नहीं बन सकते।
ऽ प्रियंका गांधी का प्रभाव बढ़ेगा।
ऽ महागठबंधन प्रभावहीन रहेगा।
ऽ इस साल 5 राजनेताओं और 5 फिल्मी सितारों को देश खो सकता है।
ऽ पाकिस्तान से झगड़ा चलता रहेगा, कश्मीर समस्या अभी ज्यों की त्यों रहेगी।
ऽ सर्जिकल स्ट्र्ाइक टाइप कुछ नया आप्रेशन होगा।
ऽ राम मंदिर पर आने वाला फैसला एक बार फिर गोलमाल हो जाएगा।
ऽ बैंकीय तथा कुछ सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों में बड़े परिवर्तन होंगे।
ज्योतिषीय विश्लेषण
यदि 6 अप्रैल (शनिवार) को आरंभ होने वाले परिधावी नामक नव संवत 2076 के अनुसार देखें तो 2 विपरीत ग्रह राजा शनि तथा मंत्री सूर्य हैं। बीच बीच में सभी ग्रह राहु- केतु के मध्य आ जाने से कालसर्प योग भी बना हुआ है। मंगलवारी संक्राति] मास में 5 मंगलवार] 5 ग्रहण ] सूर्य – शनि का समसप्तक योग] कुछ राज्यों में सत्ता परिवर्तन] हिंसक घटनाएं] अग्निकांड] बमकांड]अराजकता]युद्धमयी वातावरण इंगित करते हैं।
भारत की कुंडली , 15 अगस्त , 1947 रात्रि, 12 बजे, मोदी जी की 17 सितंबर,1950, महसाना तथा प्रधान मंत्री पद के दावेदार राहुल गांधी की 19 जून, 1970, दिल्ली, कांग्रेस पार्टी की 22 नवंबर,1969, बंगलौर, भाजपा की 6 अप्रैल 1980, दिल्ली तथा अन्य कई ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर यहां भविष्यवाणी की जा रही है।
वर्तमान प्रधान मंत्री की कुंडली के अनुसार उनकी साढ़ेसाती के साथ 6 मार्च, 2019 तक चंद्र- बुध की दशा है । 22 अप्रैल से गुरु भाग्य को उच्च दृष्टि से देखेगा औेर उन्हें पुनः उच्च पद देगा। संक्षेप में कहें तो मोदी 2019 में पुनः प्रधान मंत्री बनेंगे और विषम परिस्थ्तियों में भी ,भारत की वैश्विक छवि तथा अपनी आभा को और निखारेंगे।
2019 के लोकसभा चुनाव में परिणाम आश्चर्यजनक एवं अप्रत्याशित ही होंगे। कई राज्यों में भाजपा गठबंधन फीका रहेगा परंतु बंगाल, असम, कर्नाटक, गुजरात व पूर्वी राज्यों में वोट प्रतिशत बढ़ेगा। केंद्र में कुल मिला कर गठबंधन सरकार ही बनेगी जिसमें कई नए घटक शामिल हो सकते हैं। यह नव निर्मित गठबंधन सरकार हो सकती है परंतु ग्रहयोग के अनुसार नेतृत्व मोदी ही करेंगे।
राहुल गांधी की भी साढ़ेसाती चल रही है परंतु शनि नीच राशि में होने के कारण अभी उनका प्रधानमंत्री बनना संदिग्ध रहेगा हालांकि 9 अप्रैल के बाद उनकी छवि ओैर निखरेगी। कांग्रेस पार्टी की कुंडली में शनि लग्नस्थ है परंतु अन्य ग्रह योगों के अनुसार कुछ नए गठबंधन बनने तथा कई राज्यों में अच्छे प्रदर्शन के बावजूद, यह पार्टी सत्ता प्राप्त नहीें कर पाएगी।
कुल मिला कर 2019 में भारत विश्वपटल पर छाएगा। 2020 तक विश्व गुरु बनने का सपना पूरा होगा। टेक्नोलॉजी, विज्ञान,] दूर संचार, परिवहन,सैन्य शक्ति, प्रक्षेपात्रों आदि क्षेत्रों में उन्नति होगी। 5 प्रसिद्ध राजनेताओं और 5 फिल्मी सितारों का शोक सहना पड़ सकता है। बैंकीय व्यवस्था में सुधार होगा। किसानों ओैर राम मंदिर का मामला अधिक तूल पकड़ेगा।
राम मंदिर – जब शनि मार्च 2020 में मकर राशि में ढाई साल के लिए आएगा तभी राम मंदिर का निर्माण संभव होगा और वह अवधि 2021 होगी।
2019 में न्याय पालिका सशक्त रहेगी। न्यायालयों द्वारा ऐतिहासिक और अप्रत्याशित फैसलों के लिए देश को तैयार रहना होगा। शनि न्यायाधीश हैं अतः 2019 में घोटालों के राजाओं को सजा मिलेगी तथा गुरु घंटालों पर शिकंजा और कसेगा तथा कई सालों से लंबित मुकदमों के फैसले होंगे। सर्वोच्च न्यायालय के कई अहम फैसले समूचे राष्ट्र् एवं जनसाधारण को प्रभावित कर सकते हैं। सूर्य – शनि के विरोधी चरित्र के कारण न्यायपालिका सरकार पर हावी रहेगी। देश में उपद्रव, हिंसा, सांप्रदायिक झगडे़े बढ़ेंगे । सीमा पर एक बार फिर सर्जिकल स्ट्र्ाइक टाईप आप्रेशन होगा। भारत वेैश्विक व्यापार में आगे बढ़ेगा। किसान आंदोलन जोर पकड़ेगा। उत्तरी भारत विशेषतः उत्तराखंड में कई बार भूकंप आने के योग बन रहे हैं अतः आपदा प्रबंधन को अधिक मजबूत बनाना आवश्यक है।
क्रूर ग्रहों की अधिकता के कारण भारत , पाकिस्तान तथा एशियाई राष्ट्र्ों में अशान्त वातावरण रहेगा।आर्थिक क्षेत्रों में अस्थिरता, समाज में हिंसा, आवेग के कारण साम्प्रदायिक घटनाएं होती रहेंगी। महागठबन्धन में नए समीकरण बनेंगे। आरोप- प्रत्यारोप जारी रहेंगे।
कालसर्प योग के कारण चुनावों में दोनों मुख्य दलों की हालत पतली रहेगी। राम मंदिर सत्ता – विपक्ष के मध्य ,’टग ऑफ वार’ बना रहेगा।
रिजर्व बैंक तथा वित्त मंत्रालय की कुछ कमजोर नीतियों के कारण डालर के आगे हमारे रुपये को शर्मनाक स्थिति का मुंह देखना पड़ सकता है।गैस , पेट्र्ोल, डीजल, बिजली, दैनिक खाद्य वस्तुएं, आम आदमी का बजट हिला देंगे। सार्वजनिक एवं निजी बैंकों के लिए 2019 अधिक अच्छा नहीं रहेगा। इनका पूंजी आधार बढ़ाने के उद्ेश्य से कई नई नीतियां लाई जाएंगी परंतु बढ़ते बैंक शुल्कों औेर घटती बैंकीय सेवाओं से जनता क्षुब्ध रहेगी। बजट में वित मंत्रालय कुछ नए प्रयोग करेगा और जनता लुटेगी।
कृषि क्षेत्र का काफी हिस्सा बिल्डर्स लूट लेंगे जिससे कृषि उत्पादन में कमी आएगी। किसान आन्दोलन चलते रहेगें औेर कुछ नए नेता उभरते रहेंगे जो सरकार की गले की फांस बनेंगे। विश्वविद्यालयों में अराजकता और बढ़ेगी तथा संाप्रदायिकता रंग ओैर कढ़ेगा।
ग्रहण और भूकंप
इस साल 5 ग्रहण लगेंगे। सूर्य ग्रहण – 5&6 जनवरी, चंद्र ग्रहण- 21 जनवरी हो चुके हैं। सूर्य ग्रहण- 2&3 जुलाई\, चंद्र ग्रहण- 16&17 जुलाई तथा सूर्य ग्रहण-26 दिसंबर । भारत में केवल अंतिम दो ग्रहण ही दिखेंगे। साल में 5 ग्रहण अधिक अच्छे नहीं माने जाते। लोकभविष्य के अनुसार इन ग्रहणों का प्रभाव भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा में परिलक्षित होता है। 2019 में अफगानिस्तान , चीन, कश्मीर व उत्तराखंड का कुछ भाग इसकी चपेट में आ सकता है